उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में एक अस्पताल के दौरे के दौरान योगी सरकार में मंत्री प्रोटोकॉल के कथित उल्लंघन से नाराज हो गए। जिसके बाद मंत्री संजीव कुमार गोंड ने सोनभद्र के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को अस्पताल के अधीक्षक को दूसरे स्थान पर ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है।
सोनभद्र जिले में ओबरा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले गोंड, उत्तर प्रदेश सरकार में समाज कल्याण राज्य मंत्री हैं। अधिकारियों के अनुसार,संजीव कुमार गोंड बुधवार को डिबुलगंज स्थित संयुक्त जिला अस्पताल में सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करने गए थे। अपने दौरे के दौरान उन्होंने कथित तौर पर देखा कि जब समर्थक उनका अभिवादन कर रहे थे तो अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक रवि प्रताप सिंह चेहरे पर मास्क लगाए चुपचाप पीछे खड़े थे।
संजीव गोंड ने संवाददाताओं से कहा, “मैं पहचान नहीं पाया कि वह डॉक्टर कौन था। बाद में उद्घाटन स्थल पर डॉक्टर मेरे पास आया और बोला, मंत्री महोदय, आप मुझसे नहीं मिले। मैंने उससे कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार आगे आकर मेरा अभिवादन करना आपका कर्तव्य था।” गोंड ने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनसे शिकायत की थी कि अधिकारी अक्सर ड्यूटी के दौरान शराब के नशे में पाया जाता है। उन्होंने कहा, “ऐसे डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी अश्विनी कुमार ने पुष्टि करते हुए कहा, “मंत्री ने बुधवार को उन्हें फोन किया था तभी मुझे पता चला कि डिबुलगंज अस्पताल के अधीक्षक ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। मैंने एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा मामले की जांच के आदेश दिए हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।”
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि एक चिकित्सक की सबसे बड़ी पहचान उसकी संवेदना होती है और अगर चिकित्सक के मन में संवेदना नहीं है तो वह चिकित्सक कहलाने का अधिकारी है या नहीं, इस पर जरूर विचार होना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने एम्स-गोरखपुर में करीब 45 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 500 बिस्तरों की सुविधा वाले पावर ग्रिड विश्राम सदन का शिलान्यास और भूमि पूजन करने के बाद यहां आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
इस दौरान योगी ने कहा, ”एक चिकित्सक अपनी संवेदना से गंभीर से गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज की आधी बीमारी को दूर कर सकता है। उसका व्यवहार उसी प्रकार होना चाहिए और संवेदना के इस केंद्र में अगर एक मरीज के साथ तीन से चार अटेंडेंट होते हैं, तो उनके लिए भी संवेदना होनी चाहिए।” योगी ने कहा कि अस्पतालों में हर मरीज के साथ दो-चार तीमारदार भी आते हैं और यह कितना अमानवीय है, जब कड़ाके की सर्दी, मूसलाधार बारिश, चमकती बिजली और तेज धूप में किसी को बाहर जाने के लिए मजबूर कर दिया जाए। यह कल्पना करिए कि यह स्थिति आज किसी के साथ है तो कल आपको भी उससे गुजरना पड़ सकता है। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स