उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक रिटायर्ड जज की पत्नी और दो बेटों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उन्हें यह सजा 18 साल पुराने एक मामले में सुनाई गई है। कानपुर देहात की एक अदालत ने बुधवार को एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की पत्नी और उनके दो बेटों को बेहटा बुजुर्ग गांव में जमीन विवाद से संबंधित 2007 के एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

पिछले हफ़्ते ही अदालत ने नीलम देवी और उनके बेटों जयवर्धन सिंह और यशोवर्धन सिंह (दोनों की उम्र 50 के आसपास है) को हत्या और हत्या के प्रयास का दोषी पाया। जयवर्धन की पत्नी शीलू सिंह को इस मामले में बरी कर दिया गया। अदालत ने सजा सुनाने के लिए बुधवार का दिन सुरक्षित रखा था।

कानपुर देहात के अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (एडीजीसी) विवेक कुमार त्रिपाठी ने बताया कि नीलम देवी रिटायर्ड जज शिवबरन सिंह की पत्नी हैं, जिनका नाम भी इस मामले में था लेकिन 2017 में उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरोपियों की कोर्ट में पेशी हुई। कोर्ट ने तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है और उन पर जुर्माना भी लगाया है।

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त्रिपाठी के अनुसार मामला अप्रैल 2007 का है, जब पांच लोगों रिटायर्ड जज शिवबरन सिंह, उनकी पत्नी नीलम देवी, उनके दो बेटों और बहू के खिलाफ उनके रिश्तेदार वीरेंद्र सिंह पर हमला कर उनकी हत्या करने और उनके बेटे नवनीत सिंह को घायल करने के आरोप में FIR दर्ज की गई थी।यह विवाद बेहटा बुजुर्ग गांव में एक जमीन के टुकड़े को लेकर हुआ था। घाटमपुर थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया और जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स