वाराणसी में शुक्रवार दोपहर मानमंदिर घाट के सामने श्रद्धालुओं से भरी एक नाव पलट गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस नाव में करीब 60 श्रद्धालु सवार थे। बताया जा रहा है कि यह घटना बड़ी नाव और और छोटी नाव में टक्कर के बाद हुई।
नाव में सवार सभी श्रद्धालुओं ने लाइफ जैकेट पहनी हुई थी, इस वजह से बड़ा हादसा होने से टल गया। मौके पर मौजूद पुलिस और NDRF की टीम ने सभी श्रद्धालुओं को सकुशल बचा लिया।
ओड़िशा से आए एक श्रद्धालु पूर्णानंद ने बताया कि नाव पर 60 लोग सवार थे, वे ओड़िशा से वाराणसी घुमने आए थे। उन्होंने बताया कि नाव में सवार श्रद्धालुओं में महिलाओं और बुजुर्गों की संख्या ज्यादा थी। बच्चे कम थे। उन्होंने बताया कि सब बच गए हैं, एक को चोट लगी थी, उसे मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया है।
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महाकुंभ मेले में मची भगदड़ के बाद महाकुंभ मेला प्रशासन और प्रयागराज जिला प्रशासन हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहा है। प्रयागराज कमिश्नरेट से ‘डायवर्जन स्कीम’ (वाहनों के एंट्री और एग्जिट) हटाई जा रही है। प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मांदड़ ने गुरुवार को बताया कि प्रयागराज कमिश्नरेट से ‘डायवर्जन स्कीम’ हटाई जा रही है।
उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर एक समाचार तेजी से वायरल हो रहा है कि चार फरवरी तक प्रयागराज में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। यह समाचार पूरी तरह से निराधार है। प्रयागराज में वाहनों का प्रवेश (डायवर्जन स्कीम) मौनी अमावस्या को देखते हुए प्रतिबंधित किया गया था”
रवींद्र कुमार मांदड़ ने कहा, “आज 30 जनवरी को सभी श्रद्धालु वापस लौट रहे हैं। पुलिस द्वारा ‘डायवर्जन स्कीम’ को हटाया जा रहा है और बैरिकेड हटाने के निर्देश पुलिस को दिए गए हैं। 31 जनवरी, एक फरवरी और चार फरवरी को किसी प्रकार वाहनों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।”
उन्होंने कहा, “केवल दो और तीन फरवरी (बसंत पंचमी स्नान पर्व) को ‘डायवर्जन स्कीम’ लागू रहेगी। मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश की एक अलग प्रक्रिया है। इस बारे में मेलाधिकारी और डीआईजी द्वारा अलग से सूचित किया जाएगा। प्रयागराज कमिश्नरेट क्षेत्र में वाहनों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।”
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