DNA Controversy: समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल से इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी के बाद प्रदेश की राजनीति में घमासान मचा है। डीएनए को लेकर लिखे गए अमर्यादित वाक्यों पर भाजपा नेताओं ने सपा और इसके मुखिया अखिलेश यादव को चौतरफा घेरा है। इस दाैरान कहा गया है कि अखिलेश में कुछ शर्म बची है तो उन्हें सेना, दलित समाज, महिलाओं के साथ ही ब्राम्हण समाज के अपमान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

सपा मीडिया सेल ने ‘एक्स’ पर लिखा है कि बात-बात पर सपा के डीएनए पर बयानबाजी करने वाले ब्रजेश पाठक अपना डीएनए अवश्य चेक करवाएं और रिपोर्ट सोशल मीडिया पर जरूर डाले जिससे उनका असली डीएनए पता चले। आगे आपत्तिजनक वाक्य लिखे गए हैं।

इसके जवाब में ब्रजेश ने लिखा है कि अखिलेश जी यह आपकी पार्टी की भाषा है? लोकतंत्र में सहमति-असहमति आरोप-प्रत्यारोप सब चलते आए हैं और चलते रहेंगे पर आप अपनी पार्टी को इस स्तर पर ले आएंगे? क्या डिंपल यादव इस स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी?

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा कि सपा का चरित्र घटिया, घिनौना एवं समाज विरोधी है। ब्रजेश को लेकर सपा ने इंटरनेट मीडिया पर जो लिखा है, सपा अध्यक्ष अखिलेश तत्काल इसको वापस लेते हुए माफी मांगें अन्यथा सपा बहुत पछताएगी। इसकी सजा यूपी की जनता सपा को समाप्त करके देगी। इसके बाद अब सपा चीफ अखिलेश यादव का बयान सामने है।

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सपा प्रमुख ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमने उप्र के उप मुख्यमंत्री जी की टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए, पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाने की बात कही है जो समाजवादियों के डीएनए पर दी गयी आपकी ‘अति अशोभनीय टिप्पणी’ से आहत होकर अपना आपा खो बैठे। आइंदा ऐसा न हो, हमने उनसे तो ये आश्वासन ले लिया है लेकिन आपसे भी यही आशा है कि आप जिस तरह की बयानबाज़ी निंरतर करते आये हैं उस पर भी विराम लगेगा।

अखिलेश यादव ने लिखा किआप जिस स्तर के बयान देते हैं वो भले आपको अपने व्यक्तिगत स्तर पर उचित लगते हों लेकिन आपके पद की मर्यादा और शालीनता के पैमाने पर किसी भी तरह उचित नहीं ठहाराये जा सकते हैं ।

सपा चीफ ने कहा कि एक स्वास्थ्य मंत्री के रूप में आपसे ये अपेक्षा तो है ही कि आप ये समझते होंगे कि किसी के व्यक्तिगत ‘डीएनए’ पर भद्दी बात करना दरअसल किसी व्यक्ति नहीं वरन् युगों-युगों तक पीछे जाकर उसके मूलवंश और मूल उद्गम पर आरोप लगाना है। जैसा कि सब जानते हैं कि हम यदुवंशी हैं और यदुवंश का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से है अतः ऐसे में आपके द्वारा हमारे डीएनए पर किया गया प्रहार धार्मिक रूप से भी हमें आहत करता है।

अखिलेश आगे कहते हैं कि हम जानते हैं कि आपका धर्म-प्रधान व्यक्तिक्त ऐसा नहीं है कि वो भगवान श्रीकृष्ण के प्रति ऐसी दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी कर सकता है परंतु एक सामान्य भोला व्यक्ति जो भगवान श्रीकृष्ण ही नहीं बल्कि किसी भी भगवान में विश्वास करता है वो आपकी टिप्पणी को अन्यथा भी ले सकता है। ऐसे में आपसे आग्रह है कि राजनीति करते-करते न अपनी नैतिकता भूलिए और न ही धर्म जैसी संवेदनशील भावना को जाने-अंजाने में ठेस पहुंचाइए।

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सपा प्रमुख ने कहा कि आशा है आप अपनी टिप्पणी के लिए अपने अंदर बैठे हुए उस अच्छे इंसान से क्षमा माँगेंगे, जो पहले ऐसा न था। आप यदि एकांत में बैठकर अपने विगत वर्षों के व्यवहार, विचार और व्यक्तित्व का निष्पक्ष अवलोकन-आलोचन करेंगे तो पाएंगे कि मूल रूप से आपके विचारों में पहले कभी भी ऐसा विचलन न था, न ही आपकी राजनीतिक आकांक्षाएं ऐसी थीं कि आप व्यक्तिगत स्तर पर आदर्श को भूल जाएं और अपना शाब्दिक संतुलन खो बैठें।

यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि आशा है इस बात को यहीं ख़त्म समझा जाएगा और राजनीति की शुचिता को बचाए-बनाए रखने के लिए आप नकारात्मक राजनीति की संगत से यथोचित दूरी बनाकर अपने विवेक और विचार को पुनः सही दिशा की ओर मोड़ेंगे। एक जनसेवक होने के नाते हम सबके पास जनसेवा के लिए वैसे भी समय हमेशा कम रहता है, ऐसे में व्यर्थ के विषयों में न उलझकर हमें सकारात्मक राजनीति के उद्देश्यों पर अडिग रहकर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

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