Uttar Pradesh News in Hindi: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने आठ साल पूरे कर लिए हैं। योगी आदित्यनाथ यूपी में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं। बीजेपी के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक योगी आदित्यनाथ की सरकार का अभी तक फोकस लॉ एंड ऑर्डर और हिंदुत्व के अलावा लोकलुभावन योजनाओं और डेवलपमेंट और आर्थिक प्रगति पर रहा है।
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शुरुआत से ही राज्य में लॉ एंड ऑर्डर व सुरक्षा व्यवस्था पर खासा ध्यान दिया है और इसी के मद्देनजर उसकी प्राथमिकताओं में अपराधियों पर नकेल कसना रहा है। इसको लेकर योगी सरकार द्वारा उठाए गए कुछ कदमों से विवाद भी हुए और मामला कोर्ट तक पहुंच गया। कोर्ट पहुंचे मामलों में आरोपियों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर एक्शन, अपराधियों का एनकाउंटर और विभिन्न मामलों में संदिग्धों के नाम या फोटो वाले पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाना शामिल है।
हालांकि 2022 विधानसभा चुनाव में जीत मिलने के बाद से ऐसा मालूम पड़ता है कि योगी सरकार ने लॉ एंड ऑर्डर को लेकर किए जाने वाले एक्शन के साथ अब फोकस विकास और आर्थिक प्रगति पर आ गया है। योगी आदित्यनाथ ने 1 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य रखा है, इन्वेस्टमेंट समिट्स की मेजबानी की है और यूपी में इनवेस्टमेंट लाने के लिए कई नीतिगत बदलाव किए हैं।
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 को लेकर जारी किए गए बीजेपी के 23 पेज के मेनिफेस्टो में किसान, युवा, मछुआरों और महिलाओं सहित कई समुदायों को लेकर बड़े वादे किए गए थे। योगी आदित्यनाथ ने सीएम बनने के बाद मार्च 19, 2017 में पहला फैसला 80 लाख किसानों के 36,000 करोड़ रुपये की ऋण माफी को लेकर किया था। इसके अलावा यूपी पुलिस का ‘एंटी रोमियो स्क्वाड’ खासा चर्चाओं में रहा था।
यूपी की इमेज मेकओवर के लिए इन्वेस्टर्स समिट: फरवरी 2018 में योगी सरकार ने पहला इन्वेस्टर्स समिट आयोजित किया था। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी सहित देश के बड़े उद्योगपतियों ने शिरकत की थी। योगी की इस पहल को यूपी की इमेज चेंज करने के एक प्रयास के रूप में देखा गया।
हिंदुत्व पर फोकस: कुंभ मेला 2019 और महाकुंभ मेला 2025 से काफी पहले योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश प्रयागराज मेला प्राधिकरण इलाहाबाद अधिनियम, 2017 और श्री काशी विश्वनाथ विशेष क्षेत्र विकास परिषद वाराणसी अधिनियम, 2018 पारित किया। श्री काशी विश्वनाथ विशेष क्षेत्र विकास परिषद वाराणसी अधिनियम का उद्देश्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का विकास था। इसके बाद यूपी को लॉ एंड ऑर्डर फ्रंट पर मॉडल स्टेट के रूप में प्रस्तुत करने के लिए योगी सरकार विभिन्न कानून लेकर आई, जिसमें उत्तर प्रदेश गोहत्या निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2020 भी शामिल है। इसमें गाय या उसके गोवंश को अवैध रूप से ले जाने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।
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इस कानून के अलावा योगी सरकार उत्तर प्रदेश सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम 2020 लेकर आई, जो विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित हिंसा में शामिल लोगों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाने और उन्हें क्षतिपूर्ति वसूली नोटिस देने के सरकार के फैसले से संबंधित है। इसके बाद सरकार ने धर्म परिवर्तन के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धार्मिक धर्मांतरण निषेध अधिनियम, 2021 लाया।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि आदित्यनाथ सरकार को आश्चर्यजनक रूप से समान परिस्थितियों में “मुठभेड़ों” में मारे गए अपराधियों की संख्या को लेकर विवाद का सामना करना पड़ा। अपने पहले 10 महीनों में ही, राज्य पुलिस द्वारा 900 से अधिक मुठभेड़ें की गईं, जिनमें लगभग 30 मारे गए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के साथ-साथ विभिन्न अदालतों ने भी इस पर ध्यान दिया।
सरकार ने अपराधों में आरोपी लोगों की कथित अवैध और अनधिकृत संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर भी चलाए, जिससे आदित्यनाथ को “बुलडोजर बाबा” का उपनाम मिला। इस दबंग छवि का इस्तेमाल बीजेपी ने किया और आदित्यनाथ पूरे देश में चुनावों में इसके स्टार प्रचारक बन गए। यूपी के अधिकारियों द्वारा उचित प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए संपत्तियों को ध्वस्त करने पर पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया। अदालत ने नागरिकों की संपत्तियों को ध्वस्त करने में प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करने के लिए कई दिशा-निर्देश निर्धारित किए।
लगातार दूसरी बार यूपी सरकार की कमान संभालने के बाद योगी सरकार ने सबसे पहले फ्री राशन स्कीम को बढ़ाया। इस स्कीम को चुनाव में बीजेपी की जीत का सबसे बड़ा कारण बताया जाता है। इसके बाद सरकार ने अपना ध्यान उत्तर प्रदेश को आर्थिक रूप से प्रगतिशील राज्य के रूप में विकसित करने पर केंद्रित किया और 2029 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का लक्ष्य निर्धारित किया। इसने प्रत्येक क्षेत्र के लिए कई नीतियों को संशोधित या अनावरण किया, जिससे व्यापार करने में आसानी में सुधार के लिए प्रोत्साहन प्रदान किए गए, जिसमें स्टांप शुल्क छूट और सब्सिडी वाली भूमि से लेकर ऋण पर ब्याज की प्रतिपूर्ति और पूंजी सब्सिडी शामिल हैं।
इन्वेस्टमेंट आकर्षित करने की योजना को स्पीड देने के लिए सरकार की उद्योग बंधु एजेंसी को इन्वेस्ट यूपी में बदल दिया गया। निवेशकों तक पहुंचने के लिए मंत्रियों और अफसरों की टीमें देश-विदेश में भेजी गईं। फरवरी 2023 के ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में सरकार ने 40 लाख करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल मिलने का दावा किया। इनमें से कई पर अभी भी काम चल रहा है।
हिस्ट्रीशीटरों पर कसी नकेल: अपने दूसरे कार्यकाल में योगी सरकार ने हिस्ट्रीशीटरों पर भी नकेल कसी। अप्रैल 2023 में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज के एक अस्पताल परिसर में पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में हत्या कर दी गई। इस घटना को कैमरे में लाइव कैद किया गया था। इसके अलावा लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मुख्तार अंसारी को यूपी सरकार पंजाब से बांदा लेकर आई। मुख्तार की संपत्ति पर भी यूपी सरकार ने एक्शन लिया। वह मार्च 2024 में जेल में हार्ट अटैक की वजह से मारा गया।
धर्म के जरिए टूरिज्म को किया जा रहा प्रमोट: को इसके अलावा योगी सरकार 2.0 में सनातन के जरिए यूपी में पर्यटक को प्रमोट करने के पर भी काम किया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने सनातन के हित के लिए अपना समर्थन जारी रखते हुए, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए, धार्मिक गलियारों और सर्किटों के विकास के लिए बड़े पैमाने पर आवंटन किया, वहां सड़कों का अपग्रेड किया गया है और विभिन्न धार्मिक स्थलों के लिए विकास प्राधिकरणों का गठन किया।
लोकसभा 2024 में लगा था झटका: लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में बीजेपी को बड़ा झटका लगा था। यूपी में बीजेपी दूसरे नंबर पर रही और अयोध्या में उसे करारी हार का सामने करना पड़ा। 2024 के अंत तक योगी सरकार का फोकस प्रयागराज के महाकुंभ मेले पर हो गया। 45 दिन चले इस मेले में 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आए हालांकि इस दौरान 29 जनवरी को मची भगदड़ में 30 लोग मारे भी गए।
यह वादा अभी भी अधूरा: बीजेपी के 2022 विधानसभा चुनाव वाले मेनिफेस्टो के वादों में से एक वादा जो अब तक पूरा नहीं हुआ है, वह है मेधावी छात्राओं को स्कूटी का प्रस्तावित वितरण। इस वादे के लिए योगी सरकार ने इस साल के बजट में आवंटन किया गया है, लेकिन इसके लाभार्थियों का चयन अभी तक नहीं किया गया है।
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