नवंबर 22 से लेकर इस साल मार्च तक 150 हेक्टेयर के लगभग जंगल आग की भेंट चढ़ गए। इस साल मार्च के आखिरी सप्ताह के लेकर अप्रैल के आखिरी सप्ताह तक बेमौसम बारिश की वजह से जंगल की आग की घटनाएं नहीं हुई थीं। अब मई के पहले सप्ताह में फिर से गर्मी बढ़ने से राज्य के जंगल आग की फिर चपेट में आ गए हैं।

मई के इस महीने के चार दिन उत्तराखंड में 23 से ज्यादा जगहों पर जंगल में आग लगने की घटनाएं हुर्इं। उत्तराखंड के वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार बीते 24 घंटे में उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊ मंडलों मे आग लगने की घटनाओं में तेजी के साथ बढ़ोतरी हुई है और बीते चार दिन में राज्य में जंगलों में आग लगने की घटनाओं से 25 हेक्टेयर से अधिक जंगल जल गए हैं।

उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि वन विभाग जंगल में आग लगने की घटनाओं पर लगातार निगाह बनाए हुए है और इनको रोकने के लिए सभी मुकम्मल इंतजाम किए जा रहे हैं। दरअसल उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर दिशा की ओर तेजी से बढ़ने के कारण बारिश और बर्फबारी के समय चक्र में भारी बदलाव आया है। बारिश के बदलते समय चक्र की वजह से राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में अप्रैल के महीने में भी असामान्य तौर पर बर्फबारी हुई है।

23 साल में पहली बार उत्तराखंड में जनवरी-फरवरी में बर्फबारी नहीं हुई। पर्यावरणविद् और गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफसर बीडी जोशी का कहना है कि उत्तराखंड में सामान्य रूप से मानसून के चार महीनों को छोड़ कर सालभर में होने वाली सामान्य बारिश के समय चक्र में अंतर देखने को मिल रहा है। परंतु इस साल समय चक्र का अंतर ज्यादा ही तेजी के साथ बदला है।

उत्तराखंड के मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक ब्रिकम सिंह ने बताया कि सामान्य तौर पर मानसून के चार महीनों को छोड़ कर सालभर में होने वाली सामान्य बारिश के आंकड़ों में आमतौर पर अंतर देखने को मिलता है। लेकिन, इस साल यह अंतर अभी तक कुछ ज्यादा ही दर्ज किया गया है। इसके कारण ऊंचाई वाले इलाकों में अप्रैल के महीने में भी लगातार बर्फबारी हो देखने को मिली है।

उत्तराखंड में सामान्य तौर पर 101.7 फीसद, मानसून से पहले 158.2, मानसून में 1162.7 और मानसून के बाद 55 फीसद बारिश होती है। लेकिन इस साल के मार्च-अप्रैल में हुई बारिश का आंकड़ा सामान्य बारिश से 41 फीसद अधिक है। पूर्व-मानसून की बारिश में बढ़ोतरी दर्ज की गई।