उत्तराखंड के विभिन्न धार्मिक स्थलों और उसके आसपास काम कर रहे बाहरी लोगों पर राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार शिकंजा कसने जा रही है। दरअसल उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों और मैदानी क्षेत्रों में दूसरे राज्यों से भू-माफिया यहां आकर जमीन खरीद रहे हैं। इससे कानून व्यवस्था भी गड़बड़ाने का खतरा बना रहता है। इन सबसे निपटने के लिए भाजपा सरकार भू-कानून को और अधिक कड़ा करने जा रही है। वहीं, प्रदेश के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर काम करने वाले बाहरी लोगों पर लगाम लगाने के लिए कड़ाई के साथ व्यापक स्तर पर सत्यापन अभियान चलाने जा रही है।

साथ ही उत्तराखंड में जमीन खरीदने वाले बाहरी लोगों की पृष्ठभूमि की भी जांच कराने का राज्य सरकार ने फैसला लिया है। मुख्यमंत्री धामी ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को लेकर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा भी की। अब तक राज्य सरकार सरकारी जमीन पर विभिन्न धर्मों के लोगों हेक्टेयर वन भूमि अवैध धार्मिक स्थलों को ढहा कर कब्जा मुक्त करवा चुकी है। सरकार ने फैसला लिया है कि सरकारी भूमि पर किसी भी सूरत में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए सभी सरकारी जमीनों का अलग विशिष्ट नंबर होगा। सभी विभाग अपनी सरकारी जमीन की पंजी बनाएंगे।

सरकारी जमीन का समय-समय पर उपग्रह से चित्र लिया जाएगा। अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। यह जिलों में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए समीक्षा बैठक करेगी और अवैध कब्जे हटवाएगी। नैनीताल जिले में तो प्रशासन के भय से लोगों ने सरकारी जमीन से कब्जे खुद ही हटाने शुरू कर दिए हैं। अवैध कब्जे हटाने के लिए तकनीकी सहायता के लिए राज्य परिषद प्रकोष्ठ बनाया गया है।

राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए कमेटी बनाई गई है। राज्य और जिला स्तरीय कमेटियां रोजाना अतिक्रमण हटाओ अभियान की कार्रवाई की निगरानी व समीक्षा करेंगी। मंडल स्तर पर मंडलायुक्त सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने से लेकर सत्यापन अभियान की निगरानी व समीक्षा करेंगे। इस तरह अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए त्रिस्तरीय निगरानी व समीक्षा व्यवस्था की गई है। बाहरी लोगों व किरायेदारों का नियमित सत्यापन होगा। सभी विभाग इस काम में आपसी समन्वय से काम करें, इसके लिए सभी विभाग एक दूसरे के सतत संपर्क में रहेंगे।

जिलाधिकारी अपनी रिपोर्ट मंडलायुक्त को और मंडलायुक्त मुख्य सचिव को और मुख्य सचिव मुख्यमंत्री को सत्यापन अभियान व अतिक्रमण हटाओ अभियान की नियमित रिपोर्ट देंगे। इस तरह अवैध कब्जाधारियों पर शिकंजा कसने का पुख्ता इंतजाम किया गया है। जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी व्यक्ति का स्थायी निवास का जाली प्रमाणपत्र नहीं बने। यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो इसके लिए दोषी अधिकारी को दंडित किया जाने का प्रावधान है। सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा हटाने क लिए राज्य सरकार जल्दी ही शासनादेश जारी करेगी।

शत्रु संपत्तियों का पता लगाने के लिए राज्य सरकार व्यापक स्तर पर चिह्निकरण अभियान चलाएगी। राज्य के सभी 13 जिलों के जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की शत्रु संपत्तियों पर जल्दी ही कब्जा कर इसमें पीपीडी मोड पर परियोजनाओं का खाका बना कर राज्य सरकार को सौंपेंगे और सरकार इन पर परियोजनाएं बनाने का लिए काम करेंगी। मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि किसी को भी धर्म की आड़ में सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं करने दिया जाएगा। इस संबंध में राज्य सरकार ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है। सत्यापन अभियान तेजी से चालू किया गया है। बाहर से आकर राज्य में जमीन खरीदने वालों की व्यापक स्तर पर जांच कराई जाएगी।