Microsoft Lay Off: टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट एक बार फिर मास ले ऑफ करने जा रही है, कंपनी ने खुद बताया है कि 9000 लोगों की छंटनी की जाएगी। अलग-अलग पोजीशन्स पर बैठे कई लोगों को निकालने की तैयारी है। इससे पहले भी माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल मास ले ऑफ किया है।
CNBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने इस ले ऑफ के बारे में कहा है कि जब संगठन के स्तर पर तब तक बदलाव किए जाएंगे जब तक कंपनी को बदलते मार्केट प्लेस में ठीक तरीके से पोजीशन ना कर दिया जाए। अब माइक्रोसॉफ्ट की यह रणनीति मायने रखती है क्योंकि इस साल जनवरी में भी उसने बताया था कि वो अपने कुल स्टाफ का 1 फीसदी ले ऑफ करने की तैयारी कर रहा है। परफॉर्मेंस के आधार पर यह छंटनी की जा रही है।
इससे पहले मई में भी सॉफ्टवेयर जाइंट ने 6000 लोगों को नौकरी से निकाला था, उसके बाद जून में भी 300 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया गया। 2023 में भी कंपनी ने 10 हजार के करीब अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। वैसे माइक्रोसॉफ्ट का सबसे बड़ा ले ऑफ साल 2014 में हुआ था जब एक साथ 18000 लोगों को बाहर किया गया।
अब माइक्रोसॉफ्ट ने खुद इस छंटनी को लेकर कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है। लेकिन माना जा रहा है कि जब से कोडिंग असिस्टेंट्स की सक्रियता बढ़ी है, कंपनी को भी अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा है, गूगल से भी उसे तगड़ा कॉम्पटीशन मिल रहा है। यहां पर समझने की जरूरत है कि कोडिंग असिस्टेंट्स का सरल भाषा में मतलब होता है कि कंपनियां ऑटोमेशन की तरफ जा रही हैं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ज्यादा मदद ली जा रही है।
जानकार मानते हैं कि इस ऑटोमेशन की दुनिया में कोडर्स की चुनौती ज्यादा बढ़ने वाली है, कई काम क्योंकि एआई की मदद से भी हो जाते हैं, कोडिंग तक वहां से होने लगी है, इसी वजह से कंपनियां भी इस स्तर पर छंटनी कर रही हैं।
ये भी पढ़ें- जांच पूरी होने तक नहीं मिलेगा इनकम टैक्स रिफंड!