Sharmishta Panoli Controversy: कोलकाता पुलिस द्वारा सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार की गई 22 साल की इंफ्लूएंसर शर्मिष्ठा पनोली को भारत से लगभग 7,000 किलोमीटर दूर से समर्थन मिला है। डच संसद के सदस्य और दक्षिणपंथी पार्टी फॉर फ्रीडम के नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने कहा है कि इंफ्लूएंसर शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अपमान” है और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उसे रिहा करने का रिक्वेस्ट किया है।

वाइल्डर्स ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “बहादुर शर्मिष्ठा पनोली को रिहा करो! यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अपमान की बात है। पाकिस्तान और मुहम्मद के बारे में सच बोलने के लिए उसे दंडित न करें। पीएम नरेंद्र मोदी उसकी मदद करें।” पोस्ट के साथ फोटो में लिखा है, “सभी की निगाहें शर्मिष्ठा पर हैं।”

बता दें कि कोलकाता पुलिस ने कल 22 वर्षीय लॉ छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को एक सोशल मीडिया वीडियो के लिए गिरफ्तार किया, जिसमें उन्होंने अपमानजनक और सांप्रदायिक भाषा का इस्तेमाल किया था और बॉलीवुड अभिनेताओं को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बोलने के लिए निशाना बनाया था, जो कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का जवाबी हमला था जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे।

Free the brave Sharmishta Panoli!It’s a disgrace for the freedom of speech that she was arrested. Don’t punish her for speaking the truth about Pakistan and Muhammad. Help her @narendramodi! @AmyMek #Sharmishta#IStandwithSharmishta #ReleaseSharmistha #FreeSharmishta pic.twitter.com/YhGSLhuyr2

कौन हैं शर्मिष्ठा पनोली? ऑपरेशन सिंदूर को लेकर किया पोस्ट तो कोलकाता पुलिस ने लिया एक्शन, समझिए पूरा विवाद

इस इंफ्लूएंसर की गिरफ्तारी ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है, जिसमें बीजेरी और उसके सहयोगी बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। कोलकाता में एक शिकायत के बाद शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं को धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर किए गए कार्य और शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने से जोड़ा गया है। उसे अदालत में पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

जन कल्याण सेना के नेता पवन कल्याण ने छात्रा की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करने के लिए एक्स का सहारा लिया। उन्होंने पूछा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, कानून की छात्रा शर्मिष्ठा ने अपनी बात रखी, उनके शब्द खेदजनक और कुछ लोगों को दुख पहुंचाने वाले थे। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की, वीडियो डिलीट किया और माफ़ी मांगी। पश्चिम बंगाल पुलिस ने शर्मिष्ठा के खिलाफ़ कार्रवाई करते हुए तुरंत कार्रवाई की। लेकिन जब टीएमसी के सांसद और चुने हुए नेता सनातन धर्म का मज़ाक उड़ाते हैं, तो लाखों लोगों को जो गहरा, तीखा दर्द होता है, उसका क्या? जब हमारे धर्म को ‘गंदा धर्म’ कहा जाता है, तो आक्रोश कहां है? उनकी माफ़ी कहां है? उनकी त्वरित गिरफ़्तारी कहां है?”

बीजेपी पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि पार्टी बंगाल में “विभाजनकारी राजनीति के ज़रिए सांप्रदायिक दंगे भड़काने” की कोशिश कर रही है और उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उसका “गंदा धर्म” हिंदू धर्म के सच्चे सिद्धांतों के विपरीत है।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख की टिप्पणी का वीडियो साझा करते हुए, कल्याण ने कहा, “ईशनिंदा की हमेशा निंदा की जानी चाहिए! धर्मनिरपेक्षता कुछ लोगों के लिए ढाल और दूसरों के लिए तलवार नहीं है। यह दोतरफा होना चाहिए। पश्चिम बंगाल पुलिस, राष्ट्र देख रहा है। सभी के लिए न्यायपूर्ण तरीके से काम करें।”

इधर, गिरफ्तारी को लेकर हो रहा विवाद कोलकाता पुलिस ने कहा है कि ‘कानून की छात्रा की गैरकानूनी गिरफ्तारी का सुझाव देने वाली कुछ सोशल मीडिया कहानियां तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक हैं।

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कोलकाता पुलिस ने एक्स पोस्ट में कहा, “सभी कानूनी प्रक्रियाओं का विधिवत पालन किया गया। नोटिस देने के सभी प्रयास किए गए, लेकिन वह हर बार फरार पाई गई। नतीजतन, सक्षम न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया, जिसके बाद उसे गुड़गांव से वैध तरीके से गिरफ्तार किया गया। उसके बाद उसे उचित मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार ट्रांजिट रिमांड दिया गया। हम सभी संबंधित लोगों से असत्यापित या अटकलें लगाने वाली सामग्री फैलाने से बचने और जानकारी के लिए प्रामाणिक स्रोतों पर भरोसा करने का आग्रह करते हैं।”

गौरतलब है कि पोस्ट पर हंगामा मचने के तुरंत बाद कानून की छात्रा ने इसे हटा दिया और माफी जारी की। हालांकि, कोलकाता पुलिस ने 30 मई शुक्रवार दोपहर को हरियाणा में कथित आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर गिरफ्तार कर लिया। कानून की पढ़ाई कर रहीं 22 वर्षीय शर्मिष्ठा अपने अब डिलीट हो चुके वीडियो में कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी करते हुए दावा किया था कि कुछ बॉलीवुड हस्तियां ऑपरेशन सिंदूर पर चुप हैं।

इस पोस्ट के कारण उन्हें इंटरनेट पर काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। ऑनलाइन काफी कड़ी प्रतिक्रिया हुई तथा कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उन पर नफरत को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उन्हें आलोचनाओं का निशाना बनाया था।