Maharajganj Car Accident: नेपाल से गोरखपुर की ओर जा रही एक कार रविवार देर रात दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गई। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार जब वह उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में नेशनल हाइवे 24 से गुजर रही थी तब वह निर्माणाधीन फ्लाईओवर के किनारे से हवा में लटक गई। गनीमत रही कि हादसे में किसी की मौत नहीं हुई। कार में सवार सभी सुरक्षित बाहर निकल गए।

दरअसल, कार के ड्राइवर ने गूगल मैप्स से रास्ता देखा था और मैप ने घटना स्थल पर फ्लाईओवर का कोई संकेत नहीं दिया था। बता दें कि भारत और नेपाल को गोरखपुर-सोनौली मार्ग से जोड़ने वाले इस हाइवे पर वर्तमान में विकास कार्य चल रहा है, जिसमें भैया, फरेन्दा के पास एक फ्लाईओवर का निर्माण भी शामिल है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना रात करीब 1 बजे हुई, जब सोनौली से गोरखपुर जा रही एक कार अंधेरे में अधूरे फ्लाईओवर के पास पहुंची। फ्लाईओवर के अचानक गिरने पर चालक ने समय रहते ब्रेक लगा दिए, जिससे कार गिरने से बच गई। हालांकि, कार निर्माणाधीन के किनारे से लटक गई।

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रिपोर्ट के अनुसार आस-पास के लोग तेज आवाज सुनकर अपने घरों से बाहर निकले और देखा कि कार हवा में लटकी हुई है। बताया जा रहा है कि कार में सवार लोग सुरक्षित बच गए और काफी मशक्कत के बाद कार से बाहर निकलने में सफल रहे।

पुलिस कुछ ही देर बाद मौके पर पहुंची, लेकिन कार खाली मिली। सुबह तक, फ्लाईओवर के लिए जिम्मेदार निर्माण एजेंसी ने वाहन को हटाने के लिए क्रेन की व्यवस्था की और कथित तौर पर सवार लोग अधिकारियों को सूचित किए बिना ही भाग गए।

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घटना के बारे में पूछे जाने पर फरेंदा एसएचओ प्रशांत पाठक ने कहा, “जब तक हम मौके पर पहुंचे, कार और उसमें सवार लोग पहले ही जा चुके थे। हमारे पहुंचने से पहले उन्होंने क्रेन की मदद से कार को हटा दिया था।”

इस घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या यह दुर्घटना निर्माण एजेंसी की लापरवाही या भ्रामक नेविगेशन के कारण हुई। हालांकि, गूगल मैप्स को देखने से पता चलता है कि रूट डायवर्जन स्पष्ट रूप से दिखाया गया है। असलियत में, गूगल मैप्स साइट पर फ्लाईओवर की उपस्थिति का संकेत ही नहीं देता है, जिससे शक पैदा होता है कि नेविगेशन ऐप को क्यों दोषी ठहराया जा रहा है।