Google Trends: किसी का भी जीविकोपार्जन का खत्म हो जाना आज के समय में सबसे बड़ा दर्द है। क्योंकि जब पढ़े लिखे लोगों को नौकरी से निकाला जाता है तो उनके सामने एकाएक दुखों और समस्याओं का पहाड़ टूट पड़ता है। कुछ ऐसी ही आईटी सेक्टर में काम करने वाली दिग्गज कंपनी इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों के किया है। कंपनी ने अपने 700 ट्रेनी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए नौकरी से निकाल दिया है। 

जानकारी के अनुसार कंपनी ने ये कार्रवाई इन सभी को तीन इवैल्यूएशन टेस्ट को ध्यान में रखते हुए ये कार्रवाई की गई है। बीते 7 फरवरी को ये कार्रवाई की है। नौकरी से निकालने के बाद 7 फरवरी को मध्य प्रदेश की रहने वाली एक महिला ट्रेनी ने रोते हुए इंफोसिस के अधिकारियों से गुहार लगाई कि उसे कम से कम रात में रुकने की अनुमति दी जाए। चूंकि कंपनी से सभी को तुरंत कैंपस खाली करने का फरमान भी सुनाया था।

नौकरी से निकाले गए ज्यादातर ट्रेनी कर्मचारी ढाई-तीन साल पहले ही ग्रेजुएशन पूरा करके नौकरी पेशे में आए थे। 7 फरवरी की सुबह 9:30 बजे करीब 50 ट्रेनी कर्मचारियों को उनके लैपटॉप के साथ मीटिंग रूम में बुलाया गया। हालांकि उन सभी को एक दिन पहले ही एक कॉन्फिडेंशियल मेल मिला था। जिसमें इस की जानकारी किसी से भी नहीं देने को कहा गया था।

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मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब ट्रेनी कर्मचारियों को मीटिंग रूम में बुलाया गया उस दौरान वहां सिक्योरिटी गार्ड और बाउंसर को तैनात किया गया था। चूंकि उस दिन कंपनी के डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म फिनेकल के एंप्लॉयीज और कुछ अमेरिकी ग्राहक भी वहां मौजूद थे, जिस वजह से ट्रेनी कर्मचारियों को ले जाने से लिए बसें लगाई गई थी ताकी किसी को पता ना चले।

ट्रेनी ने आरोप लगाया है कि बीते ढाई सालों में फ्रेशर्स प्रोग्राम में काफी बदलाव हुए थे। साल 2022 में सीखने का समय काफी दिया गया था। लेकिन अब सिलेबस बढ़ा दिया गया है और समय घटा दिया गया है। इसके अलावा साल 2022 में फ्रेशर्स को मुख्य रूप से दो टेस्ट-जेनेरिक और टेक्नोलॉजी स्ट्रीम से होकर गुजरना होता था। लेकिन साल 2024 में ये तरीका पूरी तरह से बदल गया है। पहले पास होने के लिए 50 फीसदी औसत नंबर लाना था जिसको बढ़ाकर अब 65 फीसदी की अनिवार्यता कर दी गई। 

इंफोसिस द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर कई तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर ने एक्स पर लिखा कि वाकई में ये दिल तोड़ने वाली घटना है। जिन फ्रेशर्स को इंफोसिस से ऑफर लेटर मिला था उसके पहले उनको 2 से 2.5 साल का इंतजार करना पड़ा था। तब जाकर सितंबर 2024 में ज्वॉइन कर पाए थे। एक दूसरे यूजर ने कहा कि छंटनी से लोगों के जीवन पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कई युवा कॉलेज ग्रेजुएट और पेशेवरों को छंटनी का सामना करना पड़ रहा है। 2025 एक कठिन आर्थिक वर्ष होने जा रहा है।