Premanand Ji Maharaj News: संत प्रेमानंद जी महाराज इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। वृंदावन के एनआरआई ग्रीन कॉलोनी की महिलाओं के उनके खिलाफ प्रदर्शन करने के बाद संत से संबंधित खबरें लगातार सामने आ रही हैं। इसी बीच एक 90 साल की महिला ने महाराज जी के संबंध में बड़ा दावा किया है। शीला नाम की इस महिला ने कहा कि प्रेमानंद जी पहले काशी (बनारस) में रहते थे।

नेटवर्क 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार महिला ने कहा कि बाबा पहले बनारस में रहते थे। वो अपने पति श्री राम शर्मा जी के साथ बनारस जाती थी। वहां शर्मा रस की प्रस्तुति दिया करते थे। उसी प्रस्तुती को देखने के लिए प्रेमानंद महाराज बनारस में जाते थे।

महिला ने आगे बताया कि एक बार प्रेमानंद महाराज ने उनके पति श्री राम शर्मा जी से भेंट की और कहा कि हमें वृंदावन ले चलिए। इस पर उन्होंने कहा कि जिसका हाथ बांके बिहारी जी पकड़ लेते हैं वह खुद ही वृंदावन आ जाता है। आपका भी हाथ बांके बिहारी जी पकड़कर वृंदावन ले आएंगे।

यह भी पढ़ें – प्रेमानंद जी महाराज जी ने क्यों बंद की पैदल यात्रा, मोहल्ले की महिलाएं हैं वजह, सोशल मीडिया पर Video Viral, आप भी देखें

अम्मा ने बताया कि हमने जब प्रेमानंद महाराज को बनारस में देखा था, तो उनकी बहुत बड़ी-बड़ी जटाएं थीं। वो एकदम फक्कड़ की तरह रहते थे। लेकिन वृंदावन आकर उन्होंने राधा नाम का प्रचार किया है और उनपर राधारानी की कृपा हुई।

उन्होंने कहा कि उनकी किडनी खराब है। बीमारी होने के बावजूद भी रात्रि में निकलते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं। अपनी परेशानी का ख्याल किए बगैर वो रात्रि में पद यात्रा पर निकल जाते हैं क्योंकि उन्हें अपने भक्तों की फिक्र है। वोये सोचते हैं कि भक्त वहां पर रास्ते में उनके दर्शन के लिए खड़े होंगे।

यह भी पढ़े – ‘शर्म नहीं आती…’, समलैंगिक संबंध पर प्रेमानंद महाराज ने कही बड़ी बात, आपको भी देखना चाहिए ये Viral Video

गौरतलब है कि बीते दिनों वृंदावन के एनआरआई ग्रीन कॉलोनी की महिलाओं महाराज जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। महिलाएं ये कहकर प्रदर्शन कर रहे थे कि महारात के रात्रि पदयात्रा से काफी शोरगुल होता है, जिससे उनके नींद में खलल पड़ती है और उन्हें परेशानी होती है।

मालूम हो कि महाराज जी हर रोज रात 2 बजे अपने शिष्यों के साथ श्रीराधाकेलि कुंज आश्रम तक पदयात्रा करते थे। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए शामिल होते हैं। वहीं, हजारों लोग उनके दर्शन के लिए खड़े रहते हैं। पदयात्रा में होने वाले इसी शोरगुल से परेशान होकर ये प्रदर्शन शुरू किया गया था। ऐसे में इस प्रदर्शन के बाद महाराज जी ने अपनी पदयात्रा का समय और स्थान बदल दिया है।