Saint Travelling Without Ticket: झांसी मंडल के डबरा स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेन में दो साधु बिना टिकट के ट्रैवल करते पकड़े गए। जब टिकट निरीक्षक (TTE) ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उनके पास पैसे नहीं हैं। हालांकि, अधिकारी उनके पास महंगे स्मार्टफोन देखकर हैरान रह गए। ऐसे में टीटीई ने उनसे सवाल किए और इस दौरान अपनी हरकत को सही ठहराने में विफल रहने के बाद उनका चालान काटा गया और उन्हें जुर्माना भरना पड़ा।
नेटवर्क 18 की रिपोर्ट के अनुसार जब टीटीई उनके पास पहुंचा और उनसे टिकट दिखाने को कहा तो भगवा वस्त्र पहने, लंबी दाढ़ी वाले और हाथ में ध्यान की माला लिए साधुओं ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “बेटा, हम साधु हैं। टिकट के लिए पैसे कहां हैं?”
यह भी पढ़ें – शादी के कपड़े में ही खाना बनाने लगे दूल्हा-दुल्हन, पत्नी ने बेली रोटी तो पति ने फूंका चूल्हा, Viral Video पर यूजर्स ने ऐसे किया रिएक्ट
शुरू में गंभीर रहे टीटीई ने जल्द ही देखा कि दोनों साधुओं के पास महंगे स्मार्टफोन हैं। ऐसे में उसने उनसे पूछा, “आप इतने महंगे मोबाइल फोन खरीद सकते हैं, लेकिन टिकट के लिए पैसे नहीं हैं?” ये बात सुनकर वे असहज हो गए। शुरू में संतों ने कई बहाने बनाकर मामले को टालने की कोशिश की, लेकिन टीटीई के जोर देने पर आखिरकार उन्होंने जुर्माना भर दिया।
मालूम हो कि भारतीय रेलवे नियमित रूप से बिना टिकट ट्रैवल या अनियमित टिकट के साथ ट्रैवल को रोकने के लिए अभियान चलाता है। झांसी डिवीजन के डबरा स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों में अक्सर इस तरह के अभियान चलाए जाते हैं, जहां करीब 11 ट्रेनों पर कड़ी निगरानी रखी जाती है।
यह भी पढ़ें – जमीन पर लेटा था डॉगी, जैसे ही बजा हनुमान चालीसा… Viral Video देख रह जाएंगे दंग
कुछ रिपोर्टों के अनुसार, यात्री अक्सर अलग-अलग डिब्बों में जाकर या शौचालयों में छिपकर टीटीई से बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन ये कोशिश शायद ही कभी सफल होते हैं। इस घटना के बाद भी, तलाशी जारी रही और कई यात्रियों पर बिना टिकट यात्रा करने, बिना बुक किए सामान ले जाने या प्लेटफॉर्म पर गंदगी फैलाने के लिए जुर्माना लगाया गया।
रिपोर्ट के अनुसार कुल मिलाकर, 155 यात्रियों पर 74 रुपये का जुर्माना लगाया गया। भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि ये अभियान रिजर्व टिकट धारकों की सुविधा सुनिश्चित करने और रेलवे राजस्व बढ़ाने के लिए चलाए जाते हैं। अभियान केवल ट्रेनों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि स्टेशनों तक भी फैले हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग बिना टिकट बाहर निकलने की कोशिश करते हुए पकड़े जाते हैं।