Ranveer Allahbadia Row: यूट्यूबर-इंफ्लूएंसर रणवीर इलाहाबादिया, समय रैना, अपूर्व मखीजा और अन्य को ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ के एक एपिसोड को लेकर कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ बड़े पैमाने पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

शो के दौरान इलाहाबादिया की ‘अश्लील’ टिप्पणियों ने लोगों का गुस्सा भड़का दिया है। टिप्पणियों पर विवाद गहराने के बाद महाराष्ट्र साइबर विभाग ने मंगलवार को यूट्यूब रियलिटी शो के सभी मेहमानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

दरअसल, रणवीर इलाहाबादिया द्वारा एक प्रतियोगी से ये अपमानजनक सवाल पूछे जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया, “अपने माता-पिता को जीवन भर हर दिन सेक्स करते हुए देखना, या फिर एक बार शामिल होकर इसे हमेशा के लिए बंद कर देना?”

यह भी पढ़ें – ‘और जब कॉमेडी…’, रणवीर इलाहाबादिया विवाद के बीच इंटरनेट यूजर्स को आई राजू श्रीवास्तव की याद, पुराने Videos शेयर कर कही ये बात

सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर किए गए इस वीडियो ने बड़े पैमाने पर रोस्ट और ट्रोल को जन्म दे दिया। महाराष्ट्र साइबर विभाग ने आईटी अधिनियम के तहत स्वप्रेरणा (Suo Motu) से एफआईआर दर्ज की। साइबर विभाग ने शो के सभी 18 एपिसोड को हटाने की मांग की है।

यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया और अन्य के खिलाफ जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, वे हैं – बीएनएस की धारा 79, धारा 196, धारा 299, धारा 296, धारा 3(5) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67। अब समझिए ये धाराएं क्या हैं और इनके तहत क्या सजा मिलती है।

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 अधिनियम की धारा 79 शब्दों, इशारों, ध्वनियों या वस्तुओं के माध्यम से किसी महिला की लज्जा का अपमान करने के लिए। इसमें किसी महिला की निजता में दखल देना भी शामिल है। इस अपराध की सजा के तौर पर तीन साल तक की कारावास व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें – India’s Got Latent: क्या अश्लील हैं रणवीर इलाहाबादिया के कमेंट्स? जानिए क्या कहता है भारतीय कानून

बीएनएस 2023 की धारा 196 जो समूहों के बीच घृणा या दुश्मनी को बढ़ावा देने वाले भाषण या कार्यों को अपराध बनाती है। इस धारा का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव बनाए रखना और शांति को बाधित करने वाले कार्यों को रोकना है। इस धारा के तहत हुई कार्रवाई के कारण कारावास से दंडित किया जा सकता है। साथ ही सजा की अवधि को तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

बीएनएस की धारा 299 जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य जो भारत में किसी भी वर्ग के लोगों की धार्मिक मान्यताओं का अपमान करते हैं या अपमान करने का प्रयास करते हैं। इस धारा के तहत दर्ज मामले में सजा कोर्ट की विवेक पर निर्भर होती है, जिसमें अपराध की गंभीरता और परिस्थिति को देखते हुए कारावास की सजा का समय तय किया जा सकता है।

बीएनएस 2023 की धारा 296 जो सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील कृत्यों और गीतों से संबंधित है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक शालीनता बनाए रखना और सार्वजनिक स्थानों पर गड़बड़ी को रोकना है।

BNS की धारा 296 के अनुसार जो कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक जगहों पर जाकर गंदे गाने (Dirty Songs) गाकर या अश्लील हरकत (Obscene Act) करके लोगों को परेशान करने के अपराध का दोषी (Guilty) पाया जाता है। उसे इस अपराध की सजा के तौर पर तीन महीने तक की जेल या 1000 रुपये के जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें – ह्यूमर दिखाने के चक्कर में बुरे फंसे रणवीर इलाहाबादिया, रोस्ट और ट्रोल कर रहे लोग, Viral हो रहे ये बड़े कमेंट

बीएनएस 2023 की धारा 3(5) संयुक्त आपराधिक दायित्व स्थापित करती है जब कई लोग मिलकर कोई अपराध करते हैं। इसका मतलब है कि प्रत्येक व्यक्ति अपराध के लिए जिम्मेदार है जैसे कि उसने इसे अकेले किया हो।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री के प्रकाशन या प्रसारण को अपराध बनाती है।

इस बीच, इंडियाज गॉट लेटेंट रोस्ट शो में अपनी भद्दी टिप्पणियों के लिए आलोचना का शिकार हुई एक अन्य प्रभावशाली व्यक्ति अपूर्वा मुखीजा उर्फ ​​द रिबेल किड ने पुलिस द्वारा बयान दर्ज करने के लिए बुलाए जाने के बाद अपने वकील के साथ खार पुलिस स्टेशन का दौरा किया। मंगलवार को मुंबई पुलिस ने आशीष चंचलानी का बयान दर्ज किया, जो इस एपिसोड में भी दिखाई दिए थे।

असम से एक पुलिस दल, जहां इन यूट्यूबर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, भी इलाहाबादिया की अभद्र टिप्पणी की जांच के सिलसिले में बुधवार को मुंबई पहुंचा।

हालांकि, विवाद गहराने के बाद रणवीर इलाहाबादिया ने सोशल मीडिया पर माफ़ी मांगते हुए एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “मुझे वो नहीं कहना चाहिए था जो मैंने इंडियाज गॉट लेटेंट पर कहा। मुझे खेद है।” माफी मांगने के बावजूद इंटरनेट यूजर्स उनकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं।

एक यूजर ने लिखा, “तुम लोगों की सोच इतनी सड़ चुकी है कि अब गटर भी शरमा जाए! मनोरंजन के नाम पर समाज को नर्क में धकेलने वाले इन गिरे हुए दिमागों को जल्द से जल्द रोका जाना चाहिए। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ये सिर्फ कंटेंट नहीं, सभ्यता पर हमला है—सख्त कार्यवाही होनी चाहिए!”

एक अन्य ने टिप्पणी की, “तुम्हारे मां-बाप ने तुम्हें यही सिखाया था कि रिश्तों की पवित्रता का मजाक उड़ाओ? यह कॉमेडी नहीं, मानसिक विकृति है! तुम्हारी जुबान से निकली गंदगी सिर्फ तुम्हारी घटिया सोच का आईना है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, समाज में ज़हर घोलने वाले इन जहरीले तत्वों पर बैन लगाया जाए!”

एक और यूजर ने कहा, “तुम्हारी औकात सिर्फ इतनी है कि घिनौनापन बेचकर वायरल होने की कोशिश करो! संस्कारों की कब्र खोदने वाले तुम लोग समाज के सबसे बड़े दुश्मन हो! सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, इनपर कार्यवाही करके समाज को बचाइए!”