US Military Aircraft Deported Indians: पंजाब से हर साल हजारों लोग विदेश में बसने का सपना लेकर निकलते हैं। इसके लिए वे लाखों रुपये का कर्ज लेते हैं, डंकी रूट यानी अवैध तरीके से अमेरिका या दूसरे मुल्कों में पहुंचते हैं। इसके लिए वे अपनी जान को भी मुसीबत में डालने से नहीं चूकते। लेकिन अब जब अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने वहां अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों को उनके मुल्क भेजना शुरू किया तो इसमें भारत के भी वे लोग जद में आ गए, जो वहां गैरकानूनी ढंग से रह रहे थे।
ऐसे अप्रवासियों की दुख भरी कहानियां अब लोगों के सामने आ रही हैं।
बुधवार को अमृतसर पहुंचे ऐसे ही अप्रवासियों के रिश्तेदारों ने अपना दर्द मीडिया को बताया। अमेरिका द्वारा वापस भेजे गए यानी निर्वासित किए गए लोगों में पंजाब के 30, हरियाणा और गुजरात के 33-33 लोग शामिल हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ के दो-दो और महाराष्ट्र के तीन लोग हैं।30 से 50 लाख रुपए किये खर्च
वापस भेजे गए इन लोगों के रिश्तेदारों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अमेरिका भेजने के लिए 30 से 50 लाख रुपए खर्च किए और इनमें से कई लोग गैर कानूनी तरीकों से या डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे। ऐसे ही एक शख्स अजयदीप सिंह के दादा ने कहा, ‘मेरा पोता 15 दिन पहले ही अमेरिका गया था। मैं उसे अमेरिका भेजने के लिए तैयार नहीं था। मुझे नहीं पता कि उसके साथ क्या गलत हुआ है और उसे भेजने में कितना पैसा खर्च हुआ।’
एक शख्स ने बताया कि उनका एक रिश्तेदार एक महीने पहले ही अमेरिका पहुंचा था। उन्होंने बताया, ‘वह यहां बस ड्राइवर था। उसके दो बच्चे हैं। उसने अमेरिका पहुंचने के लिए 30 लाख रुपये खर्च किए हैं। उसे भी वापस भेज दिया गया है।’
शी जिनपिंग ने पाकिस्तान को बताया स्थायी मित्र, जरदारी बोले- आतंकवादी हमलों से चीन के साथ दोस्ती खत्म नहीं होगी
बुधवार रात को पंजाब पहुंचने के बाद जसपाल ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने उनके साथ धोखाधड़ी की है क्योंकि उनसे वादा किया गया था कि उन्हें कानूनी तरीके से अमेरिका पहुंचा दिया जाएगा। जसपाल ने कहा, ‘मैंने एजेंट से कहा था कि वह मुझे सही वीजा (अमेरिका के लिए) के साथ भेजे। लेकिन उसने मुझे धोखा दिया।’ उन्होंने बताया कि सौदा 30 लाख रुपए में हुआ था। जसपाल ने बताया कि वह पिछले साल जुलाई में हवाई जहाज से ब्राजील पहुंचे थे और उससे वादा किया गया था कि अमेरिका की अगली यात्रा भी हवाई जहाज से ही होगी। लेकिन एजेंट ने उसे धोखा दिया और उसे अवैध रूप से सीमा पार करने के लिए मजबूर किया।
ब्राजील में छह महीने रहने के बाद वह सीमा पार कर अमेरिका चला गया लेकिन अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जसपाल ने बताया कि उसे वहां 11 दिनों तक हिरासत में रखा गया और फिर वापस घर भेज दिया गया। जसपाल ने कहा कि उसे नहीं पता था कि भारत भेजा जा रहा है। हमें हथकड़ी लगाई गई और पैरों में बेड़ियां डाल दी गईं और इन्हें अमृतसर हवाई अड्डे पर खोला गया।
जसपाल ने कहा कि वापस भेजने से वह बुरी तरह टूट गए हैं। वह बताते हैं कि बहुत पैसा खर्च किया, पैसे उधार लिए थे। बुधवार रात को होशियारपुर पहुंचे दो अन्य निर्वासित लोगों ने भी अमेरिका पहुंचने के दौरान उन्हें आई मुसीबतों के बारे में बताया।
होशियारपुर के टाहली गांव के रहने वाले हरविंदर सिंह ने बताया कि वह पिछले साल अगस्त में अमेरिका के लिए रवाना हुए थे। उन्हें कतर, ब्राजील, पेरू, कोलंबिया, पनामा, निकारागुआ और फिर मैक्सिको ले जाया गया। उन्होंने बताया कि मैक्सिको से उन्हें अन्य लोगों के साथ अमेरिका ले जाया गया। उन्होंने मीडिया को बताया, ‘हमने पहाड़ियां पार कीं। एक नाव, जो उन्हें अन्य व्यक्तियों के साथ ले जा रही थी, समुद्र में डूबने वाली थी लेकिन हम बच गए।’
हरविंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने एक व्यक्ति को पनामा के जंगल में मरते हुए तथा एक को समुद्र में डूबते हुए देखा। सिंह ने बताया कि उनके ट्रैवल एजेंट ने वादा किया था कि उन्हें पहले यूरोप और फिर मैक्सिको ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका जाने के लिए उन्होंने 42 लाख रुपए खर्च किए। उन्होंने कहा, “कभी-कभी हमें चावल मिल जाता था। कभी-कभी हमें खाने को कुछ नहीं मिलता था। बिस्कुट मिलते थे।”
अमेरिका से वापस भेजे गए पंजाब के ही एक अन्य व्यक्ति ने अमेरिका जाने के लिए इस्तेमाल किए गए ‘डंकी रूट’ के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘रास्ते में हमारे 30,000-35,000 रुपये के कपड़े चोरी हो गए।’ इस व्यक्ति ने बताया कि उसे पहले इटली और फिर लैटिन अमेरिका ले जाया गया। उन्होंने बताया कि नाव से 15 घंटे लंबी यात्रा करनी पड़ी और 40-45 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।
इस शख्स ने बताया, ‘हमने 17-18 पहाड़ियां पार कीं। अगर कोई फिसल जाता तो उसका बचना मुश्किल था। हमने बहुत कुछ देखा है। अगर कोई घायल हो जाता तो उसे मरने के लिए छोड़ दिया जाता था। हमने लाशें देखीं।”
‘40 शव देखे, कुछ को आधा खाया हुआ था, कुछ सिर्फ कंकाल थे…’, पढ़िए पंजाब के हरजिंदर की कहानी
इस मामले में पंजाब सरकार के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा है कि राज्य की भगवंत मान सरकार ऐसे लोगों के साथ है और हम बैंकों के सामने इस बात को उठाएंगे कि अमेरिका जाने के लिए लोन लेने वालों का ब्याज माफ कर दिया जाए। मंत्री ने कहा कि अमेरिका जाने के लिए उन्होंने जो कर्ज लिया है उसे चुकाना उनके लिए मुश्किल होगा।
निश्चित रूप से ऐसे सभी लोगों के सपने पूरी तरह टूट गए हैं जो अमेरिका में ज्यादा पैसे कमाकर अपने घर की आर्थिक मुश्किलों को दूर करना चाहते थे। लेकिन अब उन्हें अमेरिका जाने के लिए जो कर्ज लिया है उसे तो चुकाना ही होगा, अपनी जिंदगी को भी नए सिरे से शुरू करना होगा।
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों की केस फाइल तैयार करने में जुटी पंजाब पुलिस, क्लिक कर जानिए क्या है वजह।