Shadashtak Yog 2025: वैदिक ज्योतिष अनुसार समय- समय पर ग्रह गोचर करके अशुभ योगों का निर्माण करते हैं, जिसका प्रभाव मानव जीवन और देश– दुनिया पर सीधा प्रभाव पड़ता है। आपको बता दें अभी गोचर में कई खतरनाक योग बन रहे हैं। जिसमें मंगल और शनि के बीच षडाष्टक, मंगल और केतु का कुजकेतु तो वहीं मंगल और राहु का समसप्तक योग बन रहा है। इन योगों को ज्योतिष में शुभ नहीं माना जाता है। क्योंकि मंगल ग्रह रक्त, क्रोध, आवेश, दुर्घटना, युद्ध, साहस, वीरता, भूमि और लड़ाई का कारक माना जाता है। तो वहीं शनि ग्रह भी प्राप्रटी, आयु, कर्म के कारक माने जाते हैं। वहीं राहु ग्रह को वाणी, जुआ, यात्राएं, चोरी, दुष्ट कर्म, त्वचा के रोग, धार्मिक यात्राएं आदि का कारक माना जाता है। ऐसे में इन योगों की वजह से देश- दुनिया में रेल, वायु, सड़क, देशों में युद्ध और भूकंप जैसी घटना हो सकती हैं। साथ ही प्राकृतिक आपदा हो सकती हैं। आइए जानते हैं ये योग कब तक बन रहे हैं…
वैदिक ज्योतिष अनुसार 7 जून 2025 को मंगल सिंह राशि में गोचर कर गए हैं, जिससे मंगल और शनि के बीच यह योग बन रहा है। यह स्थिति 28 जून तक सक्रिय रहेगी, जब मंगल कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और यह योग समाप्त हो जाएगा। वहीं मंगल और केतु का अशुभ कुजकेतु योग बन रहा है। जो 28 जुलाई को समाप्त होगा। वहीं ऐसे में इन दिनों में हवाई यात्रा और रेल, सड़क, भूकंप और देशो में युद्ध हो सकता है।
वैदिक ज्योतिष अनुसार गोचर में षडाष्टक, मंगल- केतु युति और राहु- मंगल के समसप्तक योग के बाद अहमदाबाद विमान हादसा हुआ जिसमें लगभग 270 लोगों की मौत हो गई है। वैसे हादसे की जांच की जा रही है, लेकिन अगर ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखे तो इन खराब योगों की वजह से हादसा हो सकता है।
वैसे तो ईरान और इजराइल में तनाव काफी दिनों से चल रहा है। लेकिन कुछ दिन पहले से इन देशों में युद्ध शुरू हो गया है और दोनों देशों ने एक- दूसरे पर ड्रोन और मिसाइल से अटैक शुरू कर दिए हैं, जिससे कई लोगों की जान गई है। ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखें तो मंगल- केतु योग और शनि- मंगल का षडाष्टक योग कारक हो सकता है, क्योंकि मंगल और शनि भूमि के कारक होते हैं और इन देशों के बीच लड़ाई गाजा की जमीन को लेकर शुरू हुई थी।
उत्तराखंड के केदारनाथ में गौरीकुंड के जंगलों में 15 जून रविवार को सुबह एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। इसमें सवार सभी सात लोगों की मौत हो गई है। आपको बता दें कि यह भी एक वायु दुर्घटना है, जिसका कारण गोचर में बन रहे ये अशुभ योग हो सकते हैं।