Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition) खारिज कर दी है। जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में पार्टी के जिला कार्यालय से पार्टी को बेदखल किए जाने के विवाद के संबंध में जिला पार्टी अध्यक्ष, पीलीभीत को आगे कोई रिट याचिका दायर करने से रोक दिया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी हाईकोर्ट जा सकती है।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, एसएलपी के अनुसार, जिला पार्टी अध्यक्ष आनंद सिंह यादव ने नगर पालिका परिषद, पीलीभीत द्वारा पार्टी के जिला कार्यालय से बेदखल किए जाने का आरोप लगाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने रिट याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और यादव को उसी कारण से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर करने से रोक दिया।

इस आदेश के खिलाफ, सपा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कहा कि वह यादव के विचारों का समर्थन नहीं करता, जिन्होंने अपनी हैसियत से रिट याचिका दायर की थी। इसने अनुरोध किया कि पार्टी को अपने जिला कार्यालय से कथित बेदखली के खिलाफ राहत पाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए राहत दी जा सकती है।

समाजवादी पार्टी के लिए सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस पीबी वराले की खंडपीठ को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के कारण आधिकारिक पक्ष को अब हाईकोर्ट जाने से रोक दिया गया, इसके बावजूद कि परिसर पार्टी का है और वे 16 वर्षों से विधिवत किराया दे रहे हैं।

याचिकाकर्ता का मामला यह है कि याचिकाकर्ता की पार्टी को 12 नवंबर, 2020 को याचिकाकर्ता को सुनने का कोई अवसर दिए बिना जबरन बेदखल करने के आदेश पारित किए गए। इसलिए पार्टी 17 मार्च, 2005 के कब्जे के पत्र के अनुसार, याचिकाकर्ता के पक्ष में लीज डीड के निष्पादन पर निर्णय लेने के लिए अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, पीलीभीत और अधिशासी अधिकारी को निर्देश देने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहती है।

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हालांकि, इससे पहले कि वह आगे कुछ कह पाते, जस्टिस मेहता ने सुझाव दिया कि याचिकाकर्ता को अपने मुद्दों को उठाने के लिए उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए। उन्होंने पूछा कि आपको उच्च न्यायालय जाने से कौन रोकता है?”

वहीं, 10 जून, 2025 समाजवादी पार्टी ने अपने एक्स हैंडल पर वीडियो के साथ लिथा कि पीलीभीत में सपा जिला कार्यालय को जबरन सत्ता की ताकत से खाली करवाने का भाजपाई प्रयास बेहद निंदनीय और शर्मनाक है।

पोस्ट में आगे लिखा कि सपा से भाजपा के डर का ये प्रमाण है, अब भाजपा की सरकार सत्ता मधांध होकर राजनैतिक ईर्ष्या और विद्वेषपूर्ण भावना के तहत कार्य कर रही है। जबकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है ऐसे में जब तक न्यायालय का अंतिम फैसला ना आ जाए इस मामले में पुलिसिया कार्यवाही ना सिर्फ अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक बल्कि ज्यादती है और ये विपक्ष के अधिकार एवं सम्मान का हनन है। भाजपा जिस तरह से सत्ता का इस्तेमाल कर रही है ये बेहद शर्मनाक है। जनता की अदालत में भाजपा को जवाब देना ही पड़ेगा। वहीं, यूपी से जुड़ी एक अन्य खबर है कि अमित शाह ने केशव प्रसाद को मित्र कहकर संबोधित किया। पढ़ें…पूरी खबर।