रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई के सामने पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े और चेतावनी दी कि भविष्य में किसी भी आतंकवादी हमले की इस्लामाबाद को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जम्मू -कश्मीर के उधमपुर में उत्तरी कमान मुख्यालय में जवानों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ‘हमने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को दिखा दिया है कि भारत के खिलाफ उसकी ‘हजार कट’ की नीति सफल नहीं होने वाली है। भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है।’

उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला सिर्फ आतंकवाद की घटना नहीं थी, बल्कि सीमा पार से सामाजिक और सांप्रदायिक एकता को भी निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा, ‘हमने न सिर्फ उनकी साजिशों को नाकाम किया, बल्कि जवाबी कार्रवाई भी की, जिससे पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े और उसके बाद ही हमने ऑपरेशन सिंदूर को स्थगित किया।’

 क्या है ऑपरेशन सिंदूर जिसने उड़ाए पाकिस्तान के होश?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर केवल पहलगाम आंतकी हमले का प्रतिशोध नहीं था। उन्होंने कहा, ‘हमने पाकिस्तान को यह संदेश दिया कि भारत के खिलाफ लगातार आतंकी हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। इसके परिणाम बुरे से बुरे होंगे।’सेना अधिकारी मेजर सोमनाथ शर्मा और ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान के योगदान को याद करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पाकिस्तान भारत को अंदर से कमजोर करना चाहता है, लेकिन उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि जहां मेजर सोमनाथ शर्मा ने भारत की एकता और अखंडता के लिए अपनी जान दी, वहीं ब्रिगेडियर उस्मान जैसे बहादुरों ने भी देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।’

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ मौजूद सिंह ने कहा कि योग का मतलब है एकजुट होना और इसे सही मायने में लेना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘योग का मतलब है समाज के सभी वर्गों को भारत की संस्कृति और आत्मा से जोड़ना।’ उन्होंने कहा कि किसी भी वर्ग को छोड़ना भारत की एकता और सुरक्षा को तोड़ना होगा सिंह ने लोगों से योग करने तथा विचार एवं समाज में एकता के लिए प्रयास करने का आग्रह किया। ऑपरेशन सिंदूर का असर