आज दुनियाभर में इंटरनेशनल योगा दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन जो योग नहीं भी करते वो भी इस प्रैक्टिस को प्रमोट करते हैं और इसके फायदे बताते हैं, क्योंकि योग के फायदे हर कोई जानता है। मगर जिन लोगों को योग से सच में फायदा हुआ उनकी कहानी कुछ और ही है। अभिनेत्री मंदिरा बेदी खुद इसका बड़ा उदाहरण हैं, साल 2021 में जब उनके पति राज कौशल का निधन हुआ था तो वो बहुत टूट गई थीं। लेकिन योग ने उन्हें बहुत मदद की और उनके मुताबिक इससे उन्हें मेंटल पावर मिली है।

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राजन नवानी के साथ बात करते हुए मंदिरा बेदी ने कहा, “मैं योग को स्ट्रेच करने, दौड़ने या कसरत से उबरने का एक तरीका समझती थी।” लेकिन समय के साथ, खासकर इमोशनल और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान, उन्होंने योग के फायदे महसूस किए। इसके उन्होंने माइंडफुलनेस, ब्रीद वर्क और इमोशनल ट्रीटमेंट बताया है।

मंदिरा बताती हैं कि कैसे योग एक वर्कआउट से बढ़कर उनके लिए मार्गदर्शन बन गया। खास तौर पर तब जब उन्हें जीवन में इमोशनल ब्रेकडाउन हुआ। आज, वो योग को अलग नजरिए से देखती हैं, जो न केवल शरीर को, बल्कि चंचल मन को भी शांत करता है। अपने पति की असामयिक मृत्यु के बाद, मंदिरा एकदम अकेली पड़ गई थीं, वो अपने दुख से उभरती या बच्चों का पालन पोषण करतीं, उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था, तब योग ने उन्हें काफी मदद की। मंदिरा ने कहा, “एक समय था जब मैं बिस्तर से बाहर नहीं निकलना चाहती थी। लेकिन बस योगा मैट पर आना, भले ही मैं सिर्फ सांस लेती थी, फिर से शुरू करने के लिए यही काफी था।” वो दर्द में थीं, लेकिन उन्होंने दुख को खुद पर हावी होने दिए। वो कहती हैं, यही असली ताकत है।

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योग पर मंदिरा बेदी का नजरिया काफी अलग है। उनके मुताबिक योग से लाभ पाने के लिए आपको बस उपस्थित होने की जरूरत है। कुछ दिन पूरे एक घंटे के लिए, कुछ दिन पांच मिनट के लिए मौन रहना होता है। दोनों ही मायने रखते हैं। मंदिरा का कहना है कि योग कोई कॉम्पिटिशन नहीं है, ये एक साथी है। चाहे चिंता को शांत करना हो, या शोरगुल भरी दुनिया में शांति के कुछ पल निकालना हो, योग वहीं है जहां आप हैं। योगा दिवस पर मंदिरा बेदी की ये कहानी काफी इंस्पिरेशनल है। जब सब कुछ बिखर रहा हो तो खुद को कैसे संभाले रखें।