टाटा ग्रुप की कंपनी एयर इंडिया की दो पूर्व सीनियर फ्लाइट अटेंडेंट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पिछले वर्ष बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (Boeing 787 Dreamliner) के दरवाजे में तकनीकी खराबी के बारे में उनके बयानों को बदलने से इनकार करने के बाद उन्हें गलत तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया।
यह घटना 14 मई 2025 की थी। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की इस खबर के अनुसार, बुधवार को भेजे गए इस पत्र में चालक दल ने दावा किया कि 14 मई, 2024 को मुंबई से लंदन जाने वाली उड़ान AI-129 (बोइंग 787 VT-ANQ) हीथ्रो में डॉक करने और यात्रियों के उतरने के बाद यह घटना हुई। अटेंडेंट का आरोप है कि विमान का स्लाइड राफ्ट अप्रत्याशित रूप से खुल गया। जबकि दरवाजा ‘मैनुअल मोड’ में खोला गया था। ऐसा होने पर आम तौर पर स्लाइड नहीं खुलनी चाहिए। स्लाइड केवल तभी खुलती है जब दरवाजा ‘आर्म्ड’ या ‘ऑटोमैटिक’ मोड’ में हो। पीएम मोदी नई वंदे भारत एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी
अटेंडेंट ने कहा कि यह घटना विमान के डॉक होने और यात्रियों के उतरने के बाद हुई। उन्होंने कहा कि खराबी का समर्थन शुरू में कमांडर और केबिन-इन-चार्ज ने लिखित रूप में किया था। हालांकि, जब उन्होंने जोर देकर कहा कि दरवाजा मैनुअल मोड में था, तो कथित तौर पर सीनियर अधिकारियों ने उन पर अपने बयानों को बदलने का दबाव डाला, जिसे उन्होंने मना कर दिया। शेयर बाजार में फिर दिखी तेजी
पत्र में आरोप लगाया गया कि “हमें बर्खास्त करने की धमकी दी गई और 48 घंटों के भीतर बर्खास्त कर दिया गया,” यह बर्खास्तगी 12 जून, 2025 को उड़ान AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से ठीक एक साल पहले हुई थी, जिसमें 272 लोग मारे गए थे।
अटेंडेंट्स ने एयर इंडिया और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) पर ड्रीमलाइनर विमान से जुड़ी घटना और इसी तरह के अन्य मामलों को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission) में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद, सिर्फ एक “informal inquiry” की गई और कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्य गवाहों को जांच से बाहर रखा गया।
दोनों क्रू सदस्यों ने एयर इंडिया में 20 साल से ज्यादा सेवा की है। अभी तक, एयर इंडिया और DGCA ने आरोपों पर सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।