हाल ही में मुंबई जाने वाली इंडिगो फ्लाइट में सफर करने वाले यात्री ने अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसा महसूस हो रहा है कि वह ‘कार्गो की तरह’ है, उन्होने कहा कि अब यह एयरलाइन उसकी ‘पहली पसंद’ नहीं रहेगी। उसने यह भी कहा कि इंडिगो अब ‘सरकार द्वारा संचालित बस सेवा जैसी’ लगने लगी है। अमीत रेले ने लिंक्डइन पर अपनी ट्रेवल जर्नी को शेयर किया। उन्होंने लिंक्डइन पोस्ट की शुरूआत में लिखा, ‘इंडिगो से उड़ान भरना: जब आपको यात्री नहीं, बल्कि कार्गो जैसा महसूस होता है!’
रेले ने कहा कि आम तौर पर वह एयरलाइन चुनते समय ‘बुनियादी सुविधा’ की तलाश करते हैं। उन्होंने कहा कि इंडिगो उनकी ‘सबसे पसंदीदा कम लागत वाली और बेहतर अनुभव वाली’ एयरलाइन हुआ करती थी। EPFO के ग्राहकों के लिए खुशखबरी
उन्होंने अपनी लिंक्डइन पोस्ट पर लिखा कि एयरपोर्ट के कर्मचारियों से जिनकी घोषणाएं अक्सर कम्यूनिकेशन की तुलना में आदेशों की तरह अधिक होती हैं, इन-फ्लाइट क्रू को इस हद तक बातचीत को कम करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है कि यह इस स्तर तक असुविधाजनक हो जाता है कि आपको लगता है कि वे कुशल होने के बजाय अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं – सब कुछ असुविधाजनक महसूस होता है।
उनकी मुंबई की ये फ्लाइट सिर्फ 3 घंटे की थी। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि सीटें अब पीछे की ओर नहीं झुकतीं। उन्होंने पूछा कि इतनी लंबी उड़ान के लिए यात्री से आराम से बैठने या आराम करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
उन्होंने यह भी बताया कि टेबल कितनी छोटी है। उन्होने बताया कि ट्रे टेबल 5-6 इंच की रह गई हैं, जो मुश्किल से इस्तेमाल की जा सकने वाली हैं – खाने का डिब्बा रखने के लिए तो पर्याप्त हैं, लेकिन काम के लिए लैपटॉप का इस्तेमाल करना तो भूल ही जाइए। ट्यूशन पढ़ाकर 86,000 रुपये प्रति घंटा कमाता है ये शख्स
उन्होंने आगे कहा, “पूरा अनुभव सरकारी बस सेवा जैसा लगने लगा है”। उन्होंने कहा कि “इंडिगो उनकी पहली पसंद नहीं होगी” और कहा कि जब तक कोई “वास्तविक विकल्प” उपलब्ध नहीं हो जाता, तब तक उन्हें एयरलाइन के साथ समझौता करना होगा।
लिंक्डइन पर उनकी लंबी पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए पीआर प्रोफेशनल संजय चौधरी ने लिखा, “मुझे कभी-कभी विस्तारा की बहुत याद आती है। टाटा को इसे कभी भी बंद नहीं करना चाहिए था। इसने पहले ही प्रीमियम ट्रैवल में अपना नाम बना लिया था। टाटा को इसे एयर इंडिया के समानांतर चलाना चाहिए था, न कि ब्रांड को खत्म करना चाहिए था।”
एक अन्य यूजर ने कहा, “इसके अलावा, जब वे कुछ मिनट पहले भी उड़ान भरते हैं, तो वे 100 बार ऐलान करते हैं, लेकिन जब देरी होती है, तो इंडिगो के स्टेंडर्ड टाइम की कोई जानकारी नहीं दी जाती है।”