ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की चर्चा हर तरफ हो रही है। बुधवार को उन्होंने अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर (केएससी) से ‘स्पेसएक्स फाल्कन 9’ रॉकेट में सवार होकर अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी। यूपी की राजधानी लखनऊ के रहने वाले शुभांशु का नाम एक गौरवशाली इतिहास में नए अध्याय के रूप में जुड़ गया। उनकी अंतरिक्ष यात्रा शुरू होने का सीधा प्रसारण भारत में भी देखा गया। उनके परिवार के साथ-साथ कई भारतवासियों ने इस लम्हें को देखा। जैसे ही उन्होंने अपनी स्पेस की यात्रा शुरू की वैसे ही लोगों ने इस पल को सेलिब्रेट किया। वहीं कुछ लोगों की आंखों में खुशी के आंसू नजर आए।

शुभांशु शुक्ला की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब हो रही है। हर कोई उनके बारे में जानना चाहता है और उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में भी जानना चाहता है। शुभांशु लखनऊ के रहने वाले हैं और उन्होंने अपनी स्कूलिंग लखनऊ से ही की है। लखनऊ में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस), अलीगंज कैंपस में उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की।

शुभांशु शुक्ला 1998 में कारगिल युद्ध से बहुत प्रेरित हुए। इसके बाद उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग के एनडीए के लिए तैयारी की और आवेदन किया और परीक्षा में सफल हुए। शुभांशु शुक्ला ने 2005 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक की डिग्री पूरी की। उन्होंने भारतीय वायु सेना अकादमी में प्रशिक्षण भी लिया। आखिर में 2006 में लड़ाकू स्ट्रीम में कमीशन प्राप्त किया। उनकी शिक्षा यात्रा स्नातक तक ही सीमित नहीं रही। उन्होंने बाद में भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री हासिल की।

41 साल के शुभांशु शुक्ला दूसरे ऐसे भारतीय बने हैं जिनका रॉकेट अंतरिक्ष की यात्रा पर निकला। उनसे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोयूज अंतरिक्ष यान में सवार होकर इतिहास रचा था। भारत में शुभांशु शुक्ला के परिजन उनकी अंतरिक्ष यात्रा को शुरू होते हुए देख रहे थे। इस पल ने उन्हें भावुक कर दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अभियान को ‘ऐतिहासिक उपलब्धि’ बताते हुए शुभांशु को बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर बधाई संदेश में कहा, “भारत के लिए गौरव का क्षण। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर ‘एक्सिओम मिशन 4’ के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को हार्दिक बधाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में इस अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशन में भारत की भागीदारी वैज्ञानिक उन्नति और वैश्विक सहयोग के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आगे के सफल मिशन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद!”