जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के 4 महीने बाद केंद्र शासित प्रदेश में सरकार के कामकाज के नियमों को अंतिम रूप दे दिया गया है। केंद्र द्वारा इन्हें जल्द ही अधिसूचित किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार , जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की , जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की गई।

जम्मू-कश्मीर सरकार के एक सूत्र के अनुसार, “काम के नियम लगभग अंतिम रूप ले चुके हैं और जल्द ही उपराज्यपाल के माध्यम से गृह मंत्री की मेज पर पहुंचेंगे। हमारे स्तर पर कुछ आवश्यक संशोधनों के कारण इसमें देरी हुई लेकिन वह काम पूरा हो चुका है और नियम जल्द ही लागू हो जाएंगे।”

ये नियम जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल के मुकाबले मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और प्रशासनिक सचिवों की भूमिका, जिम्मेदारियों और शक्तियों को स्पष्ट करेंगे। केंद्र शासित प्रदेश में सरकार के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक ये नियम उमर अब्दुल्ला के सीएम बनने के बाद से चार महीने से पेंडिंग हैं।

जम्मू-कश्मीर में चुनाव से पहले, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और इसे केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के बाद केंद्र ने नियम में संशोधन कर एलजी की शक्तियों को बढ़ाया था। इसके बाद पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवाओं और तबादलों और पोस्टिंग से संबंधित मामलों से संबंधित शक्तियां एलजी को मिल गईं थीं।

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बताया जा रहा है कि गृहमंत्री शाह के साथ बैठक में सीएम अब्दुल्ला ने पिछले हफ़्ते कश्मीर के बारामुला में एक ट्रक ड्राइवर की हत्या का मुद्दा भी उठाया, जब सुरक्षा बलों ने चेकपोस्ट पर ट्रक न रुकने पर उस पर गोली चलाई थी। सूत्रों ने बताया कि कठुआ में हाल ही में एक गुज्जर युवक द्वारा पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किए जाने के बाद आत्महत्या करने के आरोपों पर भी चर्चा हुई।

एक सूत्र ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले शाह और अब्दुल्ला के बीच चर्चा का दूसरा विषय था। सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “अब्दुल्ला सरकार का रुख यह है कि जम्मू-कश्मीर में कानून और व्यवस्था की स्थिति को केवल सशस्त्र बलों के माध्यम से नहीं निपटाया जा सकता। केंद्र को लोगों को साथ लेकर चलना होगा और उनके सहयोग से ऐसा करना होगा इसलिए कानून और व्यवस्था पर चर्चा में ऐसी घटनाएं सामने आती हैं।”

जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने केंद्र शासित प्रदेश में कुछ विकास परियोजनाओं और राज्य में निवेश जारी रखने के लिए केंद्र के समर्थन का मुद्दा भी उठाया। सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार अभी भी जम्मू -कश्मीर के लिए औद्योगिक विकास के लिए नई केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध नहीं है। जम्मू-कश्मीर सरकार के एक सूत्र ने कहा, “बैठकों में बहुत सकारात्मक माहौल है और जहां तक ​​क्षेत्र के विकास का सवाल है, केंद्र और राज्य प्रशासन दोनों एकमत हैं।” पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स