Pakistan Letter To Russia: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगातार दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच में उन्होंने सीजफायर करवाया है। लेकिन भारत सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि सीजफायर में अमेरिका का कोई रोल नहीं था और पाकिस्तान से जब भारत के डीजीएमओ को कॉल आया, तब सीजफायर पर सहमति बनी।
अब इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच में जरूरी बात हुई है। उस फोन कॉल पर वैसे तो कई मुद्दों पर चर्चा की गई, रूस-यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र हुआ, लेकिन कुछ देर के लिए भारत-पाकिस्तान तनाव पर भी मंथन किया गया। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने दावा किया है कि राष्ट्रपति ट्रंप और पुतिन के बीच में मिडिल ईस्ट पर चर्चा हुई और इसके साथ-साथ भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर भी बात की गई जहां पर राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद शांति स्थापित हुई।
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वैसे बड़ी बात यह है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष प्रतिनिधि शहीद तारिख फातिमी ने दावा किया है कि उनकी तरफ से पुतिन को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एक लेटर दिया गया है। उस लेटर में अपील की गई है कि वे भारत और पाकिस्तान दोनों को बातचीत की टेबल पर लेकर आएं। इस बारे में फातिमी ने कहा कि मैंने रूसी विदेश मंत्री से मुलाकात की थी, उन्हें अपने प्रधानमंत्री का मिस्टर पुतिन के लिए एक लेटर दिया। हमने उनसे अपील की है कि वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर भारत और पाकिस्तान को बातचीत की टेबल पर लेकर आए और एक कूटनीतिक समाधान निकाले। उनके मुताबिक पाकिस्तान रूस की मदद का अभी भी इंतजार कर रहा है।
बताया जा रहा है कि शहबाज शरीफ का यह लेटर ऑपरेशन सिंदूर के बाद पुतिन के पास गया है। इससे साफ समझ आता है कि भारत से कूटनीति और फिर सैन्य लड़ाई में हारने के बाद पाकिस्तान की तरफ से रूस से भी मदद की गुहार लगाई गई थी। संघर्ष के कुछ दिनों बाद खुद शहबाज शरीफ ने भी फिर बातचीत की बात कही थी, वे फिर पानी शुरू करने की अपील भी कर रहे थे। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि पानी और खून साथ नहीं बहाया जा सकता।
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