अयोध्या में पिछले साल जनवरी में राम मंदिर के उद्घाटन के लगभग आठ सालों के बाद, जमीन का सर्किल रेट 200 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। यह बढ़ोत्तरी जमीन के उपयोग और स्थान के आधार पर की गयी है। हालांकि यह आदेश शनिवार से प्रभावी होगा लेकिन नए सर्किल रेट के अनुसार जमीन की रजिस्ट्री सोमवार से शुरू होगी।

जिला मजिस्ट्रेट (अयोध्या) निखिल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “पिछले साल अगस्त में प्रसारित हमारे प्रस्ताव पर मिली आपत्तियों पर विचार करने के बाद हमने सर्किल रेट में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।” बढ़ोतरी के बारे में निखिल ने कहा, “लोगों की मांग थी कि कई क्षेत्रों में हमारे प्रस्तावों से ज़्यादा बढ़ोतरी की जाए लेकिन यह फ़ैसला बाज़ार दरों और हमारे द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर लिया गया है।”

जानकारी के लिए बता दें कि सर्किल रेट, जिला प्रशासन द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में जमीन की कीमत का आकलन है, जिसके आधार पर बिक्री या खरीद पर स्टाम्प शुल्क तय किया जाता है और जिसके आधार पर प्रशासन किसानों सहित भूमि मालिकों से संपत्ति का अधिग्रहण करता है। अयोध्या उत्तर प्रदेश के उन 54 जिलों में शामिल है, जहां सर्किल रेट आखिरी बार 2017 में संशोधित किया गया था। 21 जिलों में इसे 2023 में संशोधित किया गया था। अयोध्या से सटे बाराबंकी, अंबेडकर नगर, गोंडा और बस्ती और सुल्तानपुर जैसे जिलों में भी दरों को संशोधित किया गया था।

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सर्किल रेट में सबसे अधिक बढ़ोत्तरी राम जन्मभूमि के पास के क्षेत्रों में हुई है, जहां राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से जमीन की बाजार दर कई गुना बढ़ गई है। सबसे ज़्यादा 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी तिहुरा मांझा जैसे गांवों में हुई है, जहां अगस्त 2017 से ‘कृषि’ भूमि के लिए सर्किल रेट 11 लाख रुपये से लेकर 23 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक था। नवीनतम सर्किल रेट में यह 33 लाख रुपये और 69 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर हो गया है। तिहुरा मांझा गांव में अभिनंदन लोढ़ा के घराने ने ज़मीन खरीदी है और अभिनेता अमिताभ बच्चन ने पिछले साल दो प्लॉट के लिए एग्रीमेंट साइन किया था। तिहुरा उपरहार के लिए सर्किल रेट 32-71 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 42-95 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है।

पिछले साल द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया था कि अयोध्या में सर्किल रेट में पिछले सात सालों से बढ़ोत्तरी नहीं की गई है, जबकि जमीन की खरीद-फरोख्त में उछाल आया है। साथ ही, जमीन का बाजार मूल्य 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से बढ़ रहा है, जिसने शहर में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है।

उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद, जिसने लगभग 1,800 एकड़ में टाउनशिप बनाने का प्रस्ताव रखा है, ने पिछले मार्च तक शाहनवाज पुर माझा, बरहटा मांझा और तिहुरा मांझा जैसे गांवों में लगभग 600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। हालांकि, कुछ किसानों का कहना है कि यह बढ़ोतरी उनकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट में सर्किल रेट में वृद्धि के लिए कानूनी मुकदमा लड़ रहे दुर्गा यादव ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “राम जन्मभूमि के लगभग 10 किलोमीटर के आसपास के हर गांव में दरों में कम से कम 200 प्रतिशत की वृद्धि होनी चाहिए थी। अयोध्या में हो रहे विकास कार्यों से किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।” पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स