बॉलीवुड के हैंडसम हंक कहे जाने वाले एक्टर नील नितिन मुकेश (Neil Nitin Mukesh) इन दिनों अपनी अपकमिंग वेब सीरीज ‘है जुनून’ को लेकर चर्चा में हैं। वो इसके प्रमोशन में बिजी हैं। इसी बीच अब एक्टर ने बॉलीवुड के काले सच से पर्दा उठाया है। उन्होंने हिंदी इंडस्ट्री को टॉक्सिक तो कहा कि साथ ही ये भी बताया कि कैसे इंडस्ट्री में दूसरों की बर्बादी का जश्न मनाया जाता है। नील ने खुद को काम नाम मिलने से लेकर फिल्म इंडस्ट्री और लोगों की सोच के बारे में बताया। चलिए बताते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।
दरअसस, नील नीतिन मुकेश ने हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस के स्क्रीन में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही अपने करियर तक को लेकर ढेरों बातें की। नील नीतिन मुकेश अब तक 31 से ज्यादा फिल्मों का हिस्सा रह चुके हैं। ऐसे में उन्होंने पहले तो अपने शुरुआती करने को लेकर कहा, ‘करियर की शुरुआत में मुझसे किसी ने कहा था कि कभी भी ब्रेक मत लेना, क्योंकि फिर एक समय आएगा जब तुम काम की तलाश में भटकते रहोगे। मैं उस बात से बहुत डर गया था। मेरी पहली फिल्म ‘जॉनी गद्दार’ की रिलीज अटक गई थी। कई बार आपको एहसास नहीं होता कि आपका ब्रेक सेल्फ डाउट होता है, जो आपने खुद नहीं डाला। बल्कि दूसरों ने आपके अंदर डाला है। लोग ऐसी बातें कहते हैं कि तुम यह नहीं कर पाओगे। यह एक ऐसी बात है जो आप लगातार सुनते रहेंगे और मैंने इसे कई बार सुना है। जब भी कोई खामोशी होती है तो लोग कहते हैं कि उसका खरियर खत्म हो गया है। लेकिन, वे कौन होते हैं फैसला करने वाले? मैं अभी भी यहां हूं, अभी भी काम कर रहा हूं, अपने परिवार का पेट भरने की कोशिश कर रहा हूं।’
नील नीतिन मुकेश आगे इंडस्ट्री में डबल स्टैंडर्ड की ओर इशारा किया और कहा कि आज यहां पर दूसरों की असफलता पर लोग जश्न मनाते हैं। उन्होंने खुद की फिल्म से जुड़ा एक किस्सा सुनाया और कहा, ‘बहुत समय पहले मेरी एक फिल्म आने वाली थी और ट्विटर पर एक बहुत ही प्रतिष्ठित आलोचक ने अपने शुरुआती वाक्य में लिखा था कि उन्हें आश्चर्य है कि कोई नील नितिन मुकेश को आज भी एक काम के लिए पैसे कैसे दे रहा है। मैंने उन्हें जवाब दिया कि मुझे कड़ी मेहनत करने, खुद को साबित करने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए उनकी मान्यता की आवश्यकता नहीं है। उस समय मेरी पूरी इंडस्ट्री मेरे साथ खड़ी थी। लेकिन उस दिन मैं उन स्वघोषित आलोचकों से हार गया और मुझे समझ में आया कि सोशल मीडिया के जरिए हर किसी की आवाज बदल गई है।’
नील आगे कहते हैं, ‘यहां हम तब जश्न मनाते हैं जब कोई फिल्म शुक्रवार को नहीं चलती। आप किसी की सफलता से ज़्यादा किसी की असफलता से खुश होते हैं। जब आप उस माहौल में होते हैं तो आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका जुनून और आत्मविश्वास रखना होता है। मेरा मानना है कि हमें कोशिश करते रहना चाहिए। फिर भले ही वह कामयाब ना हो। फिर कोई पछतावा नहीं होगा।’
वहीं, नील नितिन मुकेश ने बॉलीवुड को टॉक्सिक तक बता दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें बॉलीवुड में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। इसे लेकर वो कहते हैं कि आज इंडस्ट्री टॉक्सिक हो गई है। नील अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं, ‘ऐसा होता है और कई बार ऐसा हो जाता है कि ये टॉक्सिक बन जाता है। मैंने इसे बहुत देखा है और मैं अभी भी इसे देखता हूं। मुझे इस पर बातचीत पसंद नहीं है। मेरे लिए फिल्म इंडस्ट्री मेरे परिवार की तरह है। अगर मैं किसी के साथ काम करता हूं या काम करने की उम्मीद करता हूं तो क्या हम सभी एक ही बिरादरी का हिस्सा नहीं हैं? क्या यह हमारा काम नहीं है कि हम एक-दूसरे को फोन करें और काम की तारीफ करें? लेकिन वो फोन कभी नहीं आते, जब तक कि वह व्यक्ति आपका बेहद करीबी ना हो। आपके चेहरे पर कोई भी ऐसा नहीं कहेगा।’
बहरहाल, अगर नील नितिन मुकेश के करियर के बारे में बात की जाए तो उन्होंने साल 2007 में फिल्म ‘जॉनी गद्दार’ से डेब्यू किया था। उन्हें इंडस्ट्री में 18 साल हो चुके हैं और इन 18 सालों के करियर में उन्होंने 21 फिल्मों में काम किया है। इसमें से 13 फ्लॉप और एक सोलो हिट रही है। एक्टर ने डेब्यू के बाद ‘आ देखना जरा’ और ‘न्यू यॉर्क’ जैसी फिल्मों में काम किया। ‘न्यू यॉर्क’ में उनके साथ कटरीना कैफ और जॉन अब्राहम भी थे। फिल्म लोगों को काफी पसंद आई थी। इस मूवी में नील के किरदार को लोगों से खूब प्यार मिला था।
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