अनहेल्दी डाइट, ज्यादा ऑयली फूड और लाइफस्टाइल की गड़बड़ियों के चलते कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। इसमें फैटी लिवर एक आम समस्या हो गई है, जिसे कंट्रोल करना बहुत ही जरूरी है। अगर, समय रहते इसे कंट्रोल न किया जाए, तो यह लिवर सिरोसिस और लिवर फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। फैटी लिवर होने पर उसके आसपास फैट एकत्रित होने लगता है जिस वजह से लिवर सही से फंक्शन नहीं कर पाता है। फैटी लिवर को डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके नेचुरल तरीके से ठीक किया जा सकता है। हेपेटोलॉजी यानी लिवर विशेषज्ञ, प्रोफेसर केविन पीटर मूर ने फैटी लिवर के कारण, लक्षण और बचाव बताए हैं।

प्रोफेसर केविन पीटर मूर के मुताबिक, फैटी लिवर दो तरह का होता है, जिसमें अल्कोहलिक फैटी लिवर, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर। अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग, शराब पीने की वजह से होता है। वहीं, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग, शराब न पीने की वजह से होता है।

गैर-अल्कोहल फैटी लिवर की समस्या मोटापे का सबसे आम कारण है, क्योंकि लिवर कोशिकाओं में वसा का निर्माण होता है। ऐसे अन्य कारक भी हैं जो इस बीमारी को ट्रिगर कर सकते हैं, जैसे ऑक्सीडेटिव तनाव, टॉक्सिन प्रोटीन का उत्पादन और रिलीज या फिर लिवर कोशिकाओं का डैमेज होना।

इसे अल्कोहल हेपेटिक स्टेटोसिस के रूप में भी जाना जाता है। यह रोग अत्यधिक शराब के सेवन के कारण होता है। लिवर शराब को तोड़ देता है, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान, लिवर के लिए हानिकारक पदार्थ निकलते हैं जो सूजन का कारण बनते हैं। शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को कमजोर करते हैं।    

फैटी लिवर की समस्या से निजात दिलाने के लिए लहसुन बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। सुबह खाली पेट एक कली कच्ची लहसुन का सेवन पानी के साथ करना लिवर के लिए असरदार होता है। दरअसल, लहसुन में एलिसिन, सेलेनियम पाया जाता है। इसके साथ ही यह एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। ये लिवर एंजाइम्स को एक्टिव करने में मदद कर सकते हैं और हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है।

लिवर को डिटॉक्स और फैट बर्न करने के लिए ग्रीन टी बहुत ही असरदार हो सकती है। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन और एंटीऑक्सीडेंट लिवर में फैट जमा होने से रोकते हैं और लिवर सेल्स को रिपेयर करते हैं। यह लिवर एंजाइम्स को बैलेंस करती है,जिससे लिवर बेहतर तरीके से काम करता है। फैटी लिवर के मरीज रोजाना 1-2 कप ग्रीन टी पी सकते हैं।

लिवर की सूजन कम करने के लिए हल्दी सबसे बेहतर ऑप्शन हो सकता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो लिवर की सूजन कम करता है और डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है। यह फैटी लिवर की सूजन और इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद करता है। हल्दी लिवर सेल्स को रीजनरेट करने में भी सहायक होती है।

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