Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव ने वोटर्स की पसंद और पूरे चुनावी नतीजों को आकार देने में शासन और विकास संबंधी मुद्दों को रेखांकित किया है। वहीं बेरोजगारी, साफ-सफाई, महंगाई और भ्रष्टाचार समेत काफी मुद्दों का दायरा पहले से ही साफ था। यह चुनावी नतीजे उस पार्टी के लिए तरजीह को दिखाता है जिसने अपनी चुनावी अभियान में इन मुद्दों को सही तरीके से उठाया है।

आम आदमी पार्टी के सुशासन के वादे के बावजूद वोटर्स में असंतोष साफ था और वोटर्स का एक बड़ा हिस्सा पार्टी के शासन के रिकॉर्ड में कमियों को महसूस कर रहा था। दिल्ली में वोटर्स की चिंता आर्थिक संकट से आगे बढ़कर शासन और नागरिक सुविधाओं के मुद्दों तक पहुंच गई। लोकनीति-सीएसडीएस सर्वेक्षण के अनुसार, जबकि बेरोजगारी वोटर्स के पांचवें हिस्से के लिए एक अहम चिंता थी। महंगाई, साफ-सफाई और विकास की कमी जैसे मुद्दे भी प्रमुखता से सामने आए।

भ्रष्टाचार का मुद्दा भारतीय जनता पार्टी के अभियान का एक अहम हिस्सा था। दिल्ली के वोटर्स के लिए पीने के पानी की कमी भी लगातार एक अहम चिंता बनी हुई है। मौजूदा पार्टी ने अक्सर साफ पानी मुहैया कराने के बारे में बताया था। 7 फीसदी लोगों ने इस मुद्दे की पहचान की थी। एक छोटा वर्ग सरकार में बदलाव की इच्छा जाहिर करता था। जब वोटर्स से सीधे तौर पर उनके वोट ऑप्शन पर तमाम मुद्दों के असर के बारे में सवाल किया गया तो एक बड़े बहुमत ने गवर्नेंस और क्वालिटी ऑफ लाइफ के मुद्दों को अहम माना। 10 में से 9 वोटर्स ने साफ-सफाई को एक अहम मुद्दे के तौर पर पहचाना। महिलाओं की सुरक्षा (87%), शिक्षा (86%), पेयजल (86%) और वायु प्रदूषण (85%) जैसी चिंताओं को भी काफी अहम माना। इसके अलावा धर्म को प्राथमिकता में कम जगह दी गई।

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मुद्दों को प्राथमिकता देने का यह तरीका पक्षपातपूर्ण समर्थन के अलग-अलग पैटर्न में तब्दील हो गया। आप ने बेरोजगारी (55%) और महंगाई (52%) को प्राथमिकता देने वालों के बीच चुनावी बढ़त बनाए रखी, जबकि भारतीय जनता पार्टी और उसके साथियों ने भ्रष्टाचार (76%), विकास की कमी (59%) और स्वच्छता (46%) से परेशान वोटर्स से काफी समर्थन हासिल किया।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों ने दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में मुद्दा आधारित वोटिंग के महत्व की ही पुष्टि की है। आम आदमी पार्टी ने आर्थिक चुनौतियों और इन्फलेशन से प्रभावित लोगों के बीच समर्थन बनाए रखा। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अपने अभियान को शासन, भ्रष्टाचार और विकास पर फोकस करके वोटर्स की भावनाओं पर असर डाला। साथ ही कांग्रेस पार्टी अपने एजेंडे को लेकर साफ नहीं होने की वजह से राजनीतिक हाशिए पर ही रही। दिल्ली ट्रेलर, पंजाब दिखाएगा पूरी पिक्चर?