Hindenburg Research To Shut Down: अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने जा रही है। बुधवार को इसके संस्थापक नाथन एंडरसन ने इसकी घोषणा की है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि कंपनी के बंद करने का फैसला काफी बातचीत और सोच-समझ कर लिया है। हालांकि, एंडरसन ने कंपनी के बंद करने की कोई खास वजह नहीं बताई है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्टों ने भारत के अडाणी ग्रुप और इकान इंटरप्राइजेज समेत कई कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचाया था।

एडरसन ने बुधवार को फर्म की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक नोट में लिखा, ‘जैसा कि मैंने पिछले साल के अंत से परिवार, दोस्तों और हमारी टीम के साथ साझा किया है, मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का निर्णय लिया है। प्लानिंग यह थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे थे, उनके पूरे होते ही इसे बंद कर दिया जाएगा। हाल ही में जिन पोंजी मामलों को हमने पूरा किया है और नियामकों के साथ साझा कर रहे हैं, वह दिन आज ही है।’ उन्होंने कहा कि हमने कुछ साम्राज्यों को हिला दिया, जिन्हें हमें लगा कि हिलाने की जरूरत है।

एंडरसन ने नोट में आगे कहा, ‘किसी ने एक बार मुझसे कहा था कि एक निश्चित बिंदु पर एक सफल करियर एक स्वार्थी कार्य बन जाता है। शुरू में मुझे लगा कि मुझे खुद को कुछ चीजें साबित करने की जरूरत है। अब मुझे आखिरकार अपने आप में कुछ सहजता मिली है, शायद मेरे जीवन में पहली बार। अगर मैं खुद को इजाजत देता तो शायद मैं यह सब पहले ही कर सकता था, लेकिन मुझे पहले खुद को कुछ नरक से गुजरना पड़ा। अब मैं हिंडनबर्ग को अपने जीवन का एक अध्याय मानता हूं, न कि एक केंद्रीय चीज जो मुझे परिभाषित करती है।’

हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है?

एंडरसन ने कहा, ‘मैं परिवार और दोस्तों से उन पलों के लिए माफी चाहता हूं जब मैंने आप सबको नजरअंदाज किया और मेरा ध्यान कहीं और चला गया। अब मैं आप सभी के साथ ज्यादा वक्त बिताने का इंतजार नहीं कर सकता। अंत में, मैं हमारे रीडर का आभार जताना चाहता हूं। सालों से आपके जोशीले संदेशों ने हमें ताकत दी है। और यह मुझे बार-बार याद दिलाता है कि दुनिया में अच्छाई भरी हुई है। इसके लिए आप सभी का धन्यवाद। मैं इससे अधिक की कभी उम्मीद नहीं कर सकता। यह सब शुभकामनाएं हैं।

जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च अडानी ग्रुप की कंपनियों पर शेयर कीमतों में हेरफेर करने का आरोप लगाते हुए सुर्खियों पर छा गई। रिपोर्ट के बाद शेयर कीमतों में गिरावट आई और समूह के बाजार मूल्य में लगभग 140 बिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई। इस मुद्दे पर संसद में भारी हंगामा हुआ और सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई के लिए याचिका दायर की गई। कोर्ट ने एक कमेटी बनाई और बाजार नियामक सेबी को तीन महीने में जांच पूरी करने को कहा। हिंडनबर्ग की भारत को लेकर एक बार फिर बड़ी चेतावनी पढ़ें पूरी खबर